थराली से हरेंद्र बिष्ट।
क्षेत्र में बढ़ाते जंगली जानवरों के द्वारा खेती से विमुख हो रहें किसानों के लिए संभवतः यह अच्छी खबर हो सकती हैं कि बिना जंगली जानवरों के डर के ही वे बेहतरीन खेती का आंनद लेते हुए प्रति वर्ष लाखों कमा सकते हैं।
जी हां जंगली जानवरों के कारण पिंडर घाटी के तमाम गांवों में किसानों ने लगभग खेती-बाड़ी करना ही छोड़ दिया है।लोग अपने एवं अपने परिजनों के लालन-पालन के लिए मजबूरन बहारी क्षेत्रों का रूख करना पड़ रहा हैं।एक ऐसे ही दौर में पिंडर क्षेत्र से लोगों के लिए किसी समय शिक्षा की अलख जगाने वाले तलवाड़ी क्षेत्र से एक बेहद उत्साहित करने वाली खबर सामने आ रही हैं। यहां पर एकीकृत आजीविका के सहयोग से महिलाओं के समूह मां भगवती आजीविका स्वायत्त सहकारी की सहयोगी बुरांश उत्पादन समूह तलवाड़ी द्वारा सगंध पौधों की खेती को बढ़ावा दिए जाने का बीड़ा उठाया है। यहां पर काश्तकार संतोष रावत की 13 नाली भूमि पर गुलाब के पौधों की नर्सरी एक वर्ष पूर्व स्थापित की गई थी जिसमें अब पौध तैयार हो चुकी है। इस नर्सरी की स्थापना पिछले वर्ष फरवरी माह में की गई थी। जिसमें 1 वर्ष से पहले ही 1.30 लाख पौधे रोपे गए थे। जिनमें से से 30 हजार पौधे तैयार हो चुके हैं। अब इन तैयार पौधों को 1 हेक्टयेर लोल्टी, 1 हेक्टीयर माल बजवाड़, एक हेक्टेयर बुडजोला गांवों में गुलाब की खेती करने के लिए किसानों को वितरित किये जाने का लक्ष्य रखा गया हैं।इन पौधों से गुलाब के फूल तैयार होने के बाद यहां पर गुलाब का तेल, गुलाब जल सहित गुलाब आधारित अन्य कुटीर उद्योगों के खुलने के आसार भी बढ़ गए हैं। गुलाब से तैयार उत्तपादों को उद्योग विभाग के सहयोग से निर्यात किया जाएगा। थराली विकासखंड के अंतर्गत दमस्क गुलाब की खेती को लेकर किसानों में खासा उत्साह भी दिखाई पड़ रहा है।
तलवाड़ी की नर्सरी में इस समय लगभग 20 हेक्टेयर भूमि में गुलाब की पौध लगभग तैयार है, जो शीघ्र ही पहले चरण में इस क्षेत्र के तमाम गांवों में लगाएं जाएंगे। गुलाब की नर्सरी को तैयार करने वाले उन्नतशील कृषक संतोष रावत ने बताया कि उनके द्वारा पिछले वर्ष फरवरी में दमस्क गुलाब की नर्सरी तैयार की गई थी। अब लगभग एक साल बाद नर्सरी पूर्ण रूप से तैयार हो गई है। गाँव की महिलाओं के सहयोग से वह अपने ही परिसर के 1 हेक्टेयर भूमि में इसका पौधारोपण करने जा रहे हैं। किसान संतोष ने बताया कि नर्सरी में तैयार बाकी पौधों को थराली विकासखंड के अलग-अलग किसानों को लगभग 20 हेक्टेयर भूमि में लगाने की योजना है। जिसके लिए किसान भी तैयार है। उन्होंने बताया कि दमस्क गुलाब से बनने वाले गुलाब जल की बाजार में काफी मांग है। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा और खेती अच्छी हुई तो किसानों की आजीविक में बेहतरीन सुधार आना निश्चित हैं।
कार्यक्रम प्रबंधक एवं देहरादून कृषि अधिकारी संजय सक्सेना एवं प्रभागीय परियोजना प्रबंधक गोपेश्वर के प्रीतम भट्ट ने कहा कि तलवाड़ी में तैयार गुलाब की नर्सरी को देख वे भी खासे उत्साहित हैं। निश्चित ही इससे इस क्षेत्र के किसानों की आजीविका में तो सुधार आएगा। साथ ही अन्य क्षेत्रों के लिए भी यह एक प्रेरणा स्रोत बनेगा। इस अवसर पर सहायक प्रबंधक कृषि विज्ञान केंद्र गोपेश्वर से अंकित बालियान सगंध पौध केंद्र सेलाकुई देहरादून से महेंद्र सिंह चैहान बुरांश समूह से सुशीला देवी, सतेश्वरी देवी, गणेशी देवी, सावित्री देवी, शांति देवी, दीपा देवी, पुष्पा देवी, विमला देवी, शांति देवी तथा मसाला समूह से शांति देवी मधुली देवी वीना देवी, हेमा देवी, सुनीता देवी आदि ने भी गुलाब की नर्सरी को लेकर खासा उत्साह जताया है।