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अब बेरोजगार युवाओं को त्रिवेंद्र सरकार ने दिया एक और बेहतरीन तोहफा!

परिवर्तन की पहल

  • उत्तराखंड में किसानों की तर्ज पर मिलेगा तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज
  • आगामी 21 नवंबर को ऊधमसिंह नगर में सीएम करेंगे इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ
  • मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में भी युवाओं ने दिखाई रुचि, एक माह में आए 238 आवेदन

देहरादून। त्रिवेंद्र सरकार अब किसानों के साथ ही बेरोजगार युवाओं को भी तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज देने जा रही है। इससे बेरोजगार युवा अपनी पसंद का रोजगार शुरू कर सकेंगे। इस योजना की शुरूआत 21 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ऊधमसिंह नगर से करेंगे।
गौरतलब है कि सीएम स्वरोजगार योजना के तहत करीब विभिन्न प्रकार के 150 कार्यों को सम्मिलित किया गया है। बेरोजगार युवाओं को उनमें से अपनी पसंद का रोजगार चुनने की पूरी आजादी है। जिसमें वे अपनी रुचि और योग्यता के हिसाब से अपने लिये रोजगार का चयन कर सकते हैं। बीते बुधवार को विधानसभा में समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 21 नवंबर के बाद अन्य जिलों में भी यह कर्ज युवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा।
उधर प्रदेश को युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में एक महीने में ही 238 आवेदन आए हैं। योजना के तहत जल्द ही उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण, उरेडा की ओर से आवंटन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 15 अक्तूबर को सौर स्वरोजगार योजना की लांचिंग की थी। इसके तहत उत्तराखंड मूल के युवा 25 मेगावाट तक का सौर ऊर्जा प्लांट लगा सकते हैं। उनके द्वारा किए गए विद्युत उत्पादन को सरकार की ओर से खरीदने की यह योजना युवाओं के बीच प्रचलित होने लगी है।
उरेडा से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक 238 आवेदन आ चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 60 आवेदन पौड़ी जिले के हैं। दूसरे स्थान पर उत्तरकाशी और टिहरी है। तीसरे स्थान पर पिथौरागढ़ है। उरेडा के मुख्य परियोजना अधिकारी एके त्यागी ने बताया कि सभी जिलों के जिलाधिकारियों के स्तर से आवेदन प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद जल्द ही पहले चरण का आवंटन होने जा रहा है।
सौर स्वरोजगार योजना के तहत सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को पांच श्रेणी में बांटा है। इसके तहत श्रेणी-ए में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर को रखा गया है। श्रेणी-बी में अल्मोड़ा, पौड़ी और टिहरी के पर्वतीय बहुल क्षेत्र, नैनीताल और देहरादून के पर्वतीय बहुल क्षेत्र शामिल हैं।
श्रेणी-बी प्लस में पौड़ी के दुगड्डा के कोटद्वार, सिगड्डी और इनसे जुड़े मैदानी क्षेत्र, टिहरी के फकोट के ढालवाला मुनिकीरेती, तपोवन और उससे जुड़े मैदानी क्षेत्र, नैनीताल के कोटाबाग का पूरा क्षेत्र और देहरादून के कालसी विकासखंड का क्षेत्र शामिल है। श्रेणी-सी में देहरादून के रायपुर, सहसपुर, विकासनगर व डोईवाला के समुद्रतल से 650 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र शामिल हैं। नैनीताल के रामनगर व हल्द्वानी भी इसी श्रेणी में आते हैं। श्रेणी-डी में हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के साथ देहरादून व नैनीताल का मैदानी क्षेत्र शामिल है। श्रेणी-ए में 25 प्रतिशत, श्रेणी-बी और बी प्लस में 20 प्रतिशत और श्रेणी सी व डी में 15 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है।

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