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रामदेव मुश्किल में, दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया समन

नई दिल्ली। आज गुरुवार को एलोपैथिक डॉक्टरों पर योगगुरु रामदेव की आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने पिटीशन फाइल की है। एसोसिएशन का कहना है कि रामदेव के बयान से तमाम डॉक्टर आहत हुए हैं। दरअसल रामदेव ने कहा था कि एलोपैथी बकवास और दिवालिया साइंस है। डीएमए ने कोर्ट से अपील की है कि रामदेव को झूठे बयान देने और पतंजलि की कोरोनिल टैबलेट का प्रचार करने से रोकना चाहिए। डीएमए की अर्जी पर हाईकोर्ट ने रामदेव को समन जारी कर दिया है। जिससे रामदेव की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

हाईकोर्ट रूम लाइव…

डीएमए के वकील : बाबा रामदेव कह रहे हैं कि एलोपैथिक दवाओं की वजह से लाखों लोग मरे हैं। वह कहते हैं कि हम मूर्ख हैं। यह एक दिवालिया विज्ञान है। हम लाखों लोगों का इलाज कर रहे हैं। आज हमें योद्धा कहकर बुलाया जाता है। हमारे 600 लोगों की मौत हो चुकी है। फिर भी हमारा अपमान किया जा रहा है।
हाईकोर्ट : आपने मानहानि का मुकदमा दाखिल नहीं किया है। रामदेव एक व्यक्ति हैं। उनमें ऐलोपैथिक को लेकर आस्था नहीं है। उनका मानना है कि योग और आयुर्वेद से सब कुछ ठीक हो सकता है। यह सही या गलत हो सकता है। इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। अदालत यह नहीं कह सकती कि कोरोनिल का इलाज सही है या नहीं। यह ऐसा मामला है जिसे देखने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की जरूरत होती है।
हाईकोर्ट ने कहा, मान लीजिए कि 10 हजार लोग कोरोनिल खरीदते हैं। मान लें कि साढ़े नौ हजार मर गए। उन्हें लगा कि कोरोनिल काम करेगा। आप प्रेस में जाएं और कहें कि देखिए कोरोनिल ने 95% की हत्या की है। क्या आप ये कह रहे हैं कि रामदेव आपके खिलाफ मुकदमा करेंगे? एलोपैथिक ने कुछ के लिए काम किया है और हमारे लिए काम नहीं किया है। ये किसी का नजरिया है।
डीएमए के वकील : रामदेव एक शक्तिशाली व्यक्ति हैं। हमने बहुत सारी शिकायतें की हैं। वह सामने आकर कहते हैं कि कोई उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकता।
हाईकोर्ट : एक काम करेंगे। नोटिस जारी करेंगे। अंतरिम राहत नहीं दे सकते। आपकी नजर में अंतरिम राहत क्या है?
डीएमए के वकील : रामदेव को सीधे या परोक्ष रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित करने से रोका जाए।
हाईकोर्ट : वो तो पहले से ही इंटरनेट पर है।
डीएमए के वकील : बिना शर्त माफी मांगें रामदेव। उन्होंने माफी मांगने से इनकार किया है।
हाईकोर्ट : यह अंतरिम चरण में नहीं हो सकता।
डीएमए के वकील : कोरोनिल को लेकर कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। हम कह रहे हैं जब तक आपको सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता, इसे इलाज के तौर पर पेश न करें। सच्चाई को ही प्रोजेक्ट करें।
गौरतलब है कि रामदेव के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी केस कर चुकी है। पिछले दिनों आईएमए ने दिल्ली के आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में योगगुरु के खिलाफ शिकायत दी थी। इसमें रामदेव पर महामारी एक्ट, आपदा एक्ट और राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की गई थी।

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