नैनीताल-चिडिय़ाघर में नैना देवी हिमालयन पक्षी संरक्षण रिजर्व समिति की गुरुवार को हुई बैठक में विभागीय अधिकारियों के साथ ही 14 ग्राम सभाओं के करीब 70 ग्रामीण और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हुए। बर्ड रिजर्व समिति की बैठक में ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में तेजी से विकसित हो रहे किलबरी-पंगोट क्षेत्र में नैना देवी बर्ड कंजर्वेषन रिजर्व में 12 नेचर ट्रेल बनाने और पर्यटकों से प्रवेश शुल्क लेने के प्रस्तावों पर मुहर लगाते हुए बर्ड रिजर्व क्षेत्र में 12 नेचर ट्रेल विकसित कर इनका संचालन करने, किलबरी जलाशय व ईको पार्क के रखरखाव व अन्य गतिविधियों में ग्रामीणों को रोजगार देने व बर्ड रिजर्व में पर्यटकों की एंट्री पर शुल्क लगाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इसके क्रियान्वयन के लिए ईको डवलपमेंट कमेटी का गठन करने पर भी सहमति बन गई।

नैनीताल शहर के समीप टांकी वन चौकी से शुरू होने वाला किलबरी, पंगोट, कुंजखड़क तक का वन क्षेत्र जैव विविधता के लिए अपनी खास पहचान रखता है। इस सघन वन क्षेत्र में बहुतायत में वन्यजीवों के साथ ही पक्षियों की ढाई सौ से अधिक प्रजातियां हैं। इस जैव विविधता के संरक्षण के लिए 111.91 वर्ग किमी क्षेत्र को 2015 में प्रदेश की चौथी जैव अरक्षिति (रिजर्व) घोषित किया गया था। डीएफओ बीजूलाल ने बताया कि क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को विकसित कर छोटे-छोटे ट्रैकिंग रूट बनाने के साथ ही अन्य क्रियाकलापों को शुरू किया जाएगा। टिकट सिस्टम शुरू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को नेचर गाइड, बर्ड वाचर, सिक्योरिटी समेत अन्य क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध होगा। समिति की सहमति के बाद प्रस्ताव को शासन भेजा जाना है। स्वीकृति मिलते ही नई व्यवस्थाएं लागू कर दी जाएगी।