भागीरथी पारिस्थतिकी संवेदनशील क्षेत्र से जुड़ी राज्य सरकार के जोन मास्टर प्लान को खारिज किए जाने को राज्य के हितों पर बड़ा अटैक करार देते हुए उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत आज दिल्ली में एक दिन के उपवास परबैठे।
रावत ने कहा केंद्र का रुख हैरान करने वाला…
-इससे पहले उपवास पर बैठने के अपने फैसले पर रावत ने कहा था, ‘भागीरथी ESZ मास्टर प्लान पर केन्द्र का रुख हैरान करने वाला है। यह इस स्टेट के हितों को सबसे बड़ा झटका है और इससे नदी घाटी के इलाकों में लोगों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित होगा। इसलिए, मैंने पांच जनवरी को जंतर मंतर पर एक दिन के सांकेतिक धरने पर बैठने का फैसला किया है।
-रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में भागीरथी ESZ के लिए रीजनल मास्टर प्लान केंद्र और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सौंपा था जिसमें ईको-सेंसटीव इस इलाके में कुल 82 मेगावाट की क्षमता के साथ 10 छेटो हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट लगाने की परमिशन मांगी गई थी।
बीजेपी ने साधा रावत पर निशाना
-बीजेपी ने इस उपवास को लेकर रावत पर आरोप लगाया कि जब उत्तरकाशी जिले में भागीरथी में 100 किलोमीटर क्षेत्र को ESZ के रूप में नोटिफाई किया गया था तब उन्होंने बतौर मंत्री कुछ नहीं किया।
-स्टेट बीजेपी स्पोक्सपर्सन मुन्ना सिंह चौहान ने कहा, जब मनमोहन सिंह सरकार ने चुपचाप ESZ नोटिफिकेशन जारी की तब रावत क्या कर रहे थे? वह उस समय केंद्रीय जल संसाधन मंत्री थे। वह इसे रोकने या स्थगित करने के लिए कुछ करने की स्थिति में थे। उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया?
-चौहान ने कहा कि राज्य सरकार का मास्टर प्लान खारिज कर दिया क्योंकि वह ESZ नोटिफिकेशन के मुताबिक नहीं थी। राज्य सरकार ने तय समय के बहुत बाद मास्टर प्लान सौंपा और यह कि नोटिफिकेशन से प्रभावित होने वाले लोकल लोगों या संबंधित पक्षों की राय भी नहीं सुनी, जबकि ऐसा करना जरूरी थी।