नई दिल्ली-भारत और चीन ने 20 फरवरी को मोल्दो/चुशूल बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट के चीनी हिस्से पर कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की बैठक शनिवार को सुबह दस बजे से रात दो बजे 16 घंटे तक 16 घंटे चली सैन्य बातचीत के बाद रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र से सैन्य वापसी पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष अपने नेताओं के बीच बनी सहमति, अपना संवाद और संपर्क जारी रखने, जमीन पर स्थिति को स्थिर और नियंत्रित करने तथा शेष मुद्दों का संतुलित और व्यवस्थित तरीके से समाधान करने पर भी सहमत हुए।
बयान में कहा गया, ’दोनों पक्षों ने पैंगोंग झील क्षेत्र से अग्रिम पंक्ति के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया सुगमता से पूरी होने के बारे में एक-दूसरे को सकारात्मक रूप से अवगत कराया और उल्लेख किया कि यह पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अन्य मुद्दों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें कहा गया, ’उन्होंने (दोनों पक्षों) पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से जुड़े अन्य मुद्दों पर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया। दोनों देशों द्वारा पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी छोर क्षेत्रों से अपने-अपने सैनिकों और आयुधों को हटाए जाने के दो दिन बाद सैन्य स्तर की दसवें दौर की वार्ता हुई। वार्ता में भारत ने तनाव कम करने के लिए हॉट स्प्रिंग्स, गोग्रा और डेपसांग क्षेत्रों से सैनिकों की जल्द वापसी पर जोर दिया।