- मुख्यमंत्री ने टनकपुर, बनबसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया स्थलीय व हवाई निरीक्षण, बाढ़ प्रभावितों से मिलकर सुनी समस्याएं।
- अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजा राशि वितरित करने के दिये निर्देश।
- क्षतिग्रस्त सरकारी परिसंपत्तियों के नुकसान का आंकलन कर शासन को भेजें प्रस्ताव।
- सभी प्रभावितों को समय पर मुआवजा मिले, यह सुनिश्चित किया जाय।
- मानसून काल में अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त
- शारदा नदी से हो रहे भू-कटाव को रोकने के लिए उठाए जाएं शीघ्र उचित कदम
- टनकपुर बनबसा में प्रस्तावित ड्रेनेज सिस्टम की शीघ्र धरातल पर उतारेगी सरकार।
चंपावत/देहरादून। मुख्यमंत्र पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को टनकपुर, बनबसा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय एवं हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने आयुक्त कुमाऊं तथा जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन कर पीड़ितों को मुआवजा धनराशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए। विगत दिनों में हुई भारी बारिश के चलते जनपद चंपावत में हुए नुकसान के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में जलभराव से हुए नुकसान व प्रभावितों से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर व बनबसा पहुंचे और अधिकारियों से हुए नुकसान की जानकारी लीं।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी व अधिकारियों से आपदा के कारण हुए क्षति, नुकसान की जानकारी ली और आश्वस्त किया की भारी बारिश के कारण प्रभावित लोगों को जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जायेगी, उन्होंने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत एवं जिलाधिकारी नवनीत पांडे को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि तत्काल प्रभावितों को सहायता राशि वितरित करने के साथ ही रिस्टोरेशन के कार्य तत्परता से किया जाए। स्थलीय भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने सैलानीगोठ, शारदा घाट पहुंचकर जल भराव के साथ ही अन्य प्रकार से प्रभावित लोगों से वार्ता कर भरोसा दिलाया कि सरकार इस आपदा की घड़ी में प्रभावित लोगों की सहायता हेतु प्रतिबद्ध है।
शारदा घाट में स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा किए गए कार्यों के कारण क्षेत्र में नुकसान कम हुआ है तथा मांग की कि इसी प्रकार के बाढ़ सुरक्षा के कार्य अन्य स्थानों में भी कराए जाय। इस दौरान मुख्यमंत्री ने टनकपुर, बनबसा क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया,तत्पश्चात अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र ही बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों, परिवारों को हुई क्षति व नुकसान की जानकारी लेते हुए प्रभावितों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर कहा कि इस संकट में सरकार प्रभावित लोगों को हर सम्भव मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि भारी बारिश के चलते जनपद में हुए सरकारी परिसम्पत्तियों का आंकलन शीघ्र तैयार कर उसके भरपाई हेतु प्रस्ताव अविलम्ब तैयार कर शासन को भेजें, ताकि सरकारी परिसम्पत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई शीघ्र की जा सकें। उन्होंने टनकपुर, बनबसा मैदानी क्षेत्रों में जहा-जहा जल भराव हुआ है वहा से पानी की निकासी की तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि टनकपुर, बनबसा क्षेंत्रों में जो ड्रेनेज की समस्या के स्थाई समाधान हेतु धनराशि अवमुक्त कर दी जायेगी, जिससे यहा के लोगों को ड्रेनेज की समस्या से निजात मिल जायेगा। उन्होंने सिचाई विभाग को किरोड़ा नाला के डाईवर्जन के लिए बृहद कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये, ताकि किरोड़ा नाला का पानी आबादी क्षेत्र में ना जाये और लोगों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
उन्होंने सड़कों पर आये मलवा, बोल्डर आदि के निस्तारण की कार्यवाही तुरन्त करने के निर्देश सड़क निर्माण विभागों के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा किरोड़ा पुल से लेकर बाटनगाढ़ तक यदि मलवे आदि के कारण मार्ग अवरूद्ध हो तो उसके तत्काल खोलने की कार्यवाही करें ताकि मॉ पूर्णागिरि के दर्शन हेतु आये श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो। जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि भारी बारिश के दौरान सोमवार तक जनपद में 01 जनहानि, 17 गाय तथा 43 बकरियों की हानि हुई है, 02 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त तथा 42 भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने बताया कि टनकपुर, बनबसा क्षेत्र में जलभराव से प्रभावित परिवारों को राहत शिविर एवं उनके रिश्तेदारों के यहां पहुंचाया गया है।
इस दौरान, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत डीआईजी योगेंद्र रावत, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, सीडीओ संजय कुमार सिंह सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीण आदि मौजूद रहे।