देहरादून। उत्तर प्रदेश में लगातार जीका वायरस के मामले बढ़ता देख उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। डेंगू की तरह लोगों को बीमार करने वाले जीका वायरस के खात्मे के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है। साथ ही सभी ब्लॉकों को दोबारा फॉगिंग कराने के साथ ही स्वच्छता बरकरार रखने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि कानपुर में जीका संक्रमितों की संख्या 108 हो गई है और अभी तक प्रभावित क्षेत्रों से 116 मच्छरों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। वहीं केरल के किसी कॉलेज के छात्रों में नई किस्म के वायरस से बीमार होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में देहरादून के सभी अस्पतालों को अलर्ट जारी किया जा रहा है। देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज उप्रेती ने बाहर से खासकर केरल और कानपुर आदि जगह से ओपीडी में आने वाले मरीजों में इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर ऐसे मरीजों का नाम, पता और मोबाइल नंबर जरूर नोट करने के निर्देश दिए हैं। ताकि ऐसे मरीजों की मॉनिटरिंग की जाती रहे। साथ ही लोगों से भी सीएमओ ने अपील की है कि अगर किसी तरह का बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत और पेट में गड़बड़ी जैसे लक्षण हों तो बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा न लें।
डेंगू की तरह होती है जीका वायरस की बीमारी
डॉ. अविनाश खन्ना के मुताबिक जीका वायरस की बीमारी डेंगू की तरह ही होती है। इसमें कुछ ही अंतर होता है। उन्होंने बताया कि डेंगू एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है और जीका वायरस इसकी दूसरी प्रजाति एडीज एल्वोपिक्स है। इसमें भी शरीर का तापमान बढ़ जाता है और कमजोरी महसूस होती है। इसमें रोगियों में बुखार, चक्कते, जोड़ों और आंखों के पीछे दर्द और उल्टी जैसी दिक्कत हो सकती है। ऐसे ही लक्षण आमतौर पर डेंगू में भी होते हैं। यही कारण है कि लोगों के लिए इन दोनों में अंतर कर पाना कठिन हो जाता है। यह वायरस महिलाओं को अधिक चपेट में ले रहा है।