पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संगठनों को लेकर बयान दिया है. ऐसा बयान जो आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकता है और वहां जबर्दस्त विरोध का सामना कर रही BJP के लिए फायदे का माहौल बना सकता है. आप सोच रहे होंगे कि अमरिंदर सिंह ने ऐसा क्या कह दिया. वो भी बताते हैं. दरअसल, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से आंदोलन पर बैठे किसानों को पंजाब का नुकसान न करने की नसीहत दे दी है |
क्या कहा अमरिंदर ने?
बोले हैं कि जिनको आंदोलन करना है वो दिल्ली जाएं, पंजाब का विकास प्रभावित न करें. किसान आंदोलन को लेकर पहली बार अपनी परेशानी जाहिर करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन का राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है |
सोमवार 13 अगस्त को अमरिंदर सिंह पंजाब के होशियारपुर जिले में एक सरकारी कॉलेज के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए थे. कार्यक्रम में अमरिंदर सिंह ने कहा कि आज भी किसान पंजाब में 113 जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सीएम के मुताबिक, किसानों का ये विरोध पंजाब के विकास पर बुरा असर डाल रहा है.
इतना ही नहीं, कैप्टन ने आंदोलन में भाग लेने वाले किसान संगठनों को नसीहत भी दे डाली कि अगर नए कृषि कानूनों को लेकर वे केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करना चाहिए, न कि पंजाब को परेशानी में डालें.
हालांकि ये कहते हुए अमरिंदर ने ये भी जताया कि वे किसान आंदोलन के खिलाफ़ नहीं हैं. उन्होंने कहा,
I want to tell Punjab farmers that this is their land. Their ongoing protests here are not in the state's interest. Instead of holding protests in the state, farmers should mount pressure on the Centre to get farm laws repealed: Punjab CM Captain Amarinder Singh in Hoshiarpur pic.twitter.com/3JFSt0cpuZ
— ANI (@ANI) September 13, 2021
“अगर पंजाब में किसानों को रोका जाता तो वे सिंघू और टिकरी बॉर्डर तक नहीं पहुंच पाते. आप हरियाणा और दिल्ली में जो चाहें करें, लेकिन पंजाब को नुकसान क्यों पहुंचा रहे हैं?”
अमरिंदर ने ये भी बताया कि उनकी सरकार में किसानों के लिए क्या-क्या किया गया है. कार्यक्रम में कैप्टन ने भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के बीच लोन माफी के चेक बांटे. वहीं, उनकी समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार को किसानों की दिक्कतों का एहसास है इसलिए गन्ने की कीमतों में इजाफा किया गया है.
बहरहाल, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये बात ऐसे समय में कही है जब आंदोलनरत किसान संगठन पहले ही ये मांग कर चुके हैं कि चुनावों की तारीखें घोषित होने से पहले सियासी पार्टियां अपना चुनाव अभियान शुरू न करें. उन्होंने कहा था कि इससे उनका आंदोलन प्रभावित होगा. अब कैप्टन किसानों के आंदोलन से पंजाब के नुकसान की बात कर रहे हैं. इसके क्या सियासी मतलब निकाले जाएंगे, देखने वाली बात होगी.