हँसना जरुरी है
बहुत तेज बारिश हो रही थी।
एक बुजुर्ग महिला अलीगढ से दिल्ली जाने वाली में बैठी।
महिला
(कंडक्टर से): ग़ाज़ियाबाद आ जाए,
तो बता देना।
कंडक्टर: ठीक है माता जी।
कंडक्टर
महिला को बताना भूल गया और बस ग़ाज़ियाबाद से आगे पहुंच गई।
महिला: ग़ाज़ियाबाद आ गया?
कंडक्टर: माता जी, वो तो बहुत पीछे रह गया।
महिला
(रोती हुई): मुझे वापस ले चल बेटा…
महिला को इतना रोता देख सभी यात्रियों ने
कंडक्टर से बस वापस ले जाने को कहा।
ग़ाज़ियाबाद पहुंचने पर
कंडक्टर बोला: माता जी, ग़ाज़ियाबाद आ गया।
उतर जाओ।
महिला: उतरूं क्यों बेटा?
कंडक्टर
(हैरान होकर): तो बस वापस क्यों लाने को बोला?
महिला: मुझे डॉक्टर ने कहा था कि ग़ाज़ियाबाद पहुंचकर कैपसूल खा लेना।
दो मिनट रुक,
कैपसूल खा लुं
जाना तो मुझे भी दिल्ली ही है