जोधपुर। दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा रेपिस्ट आसाराम आज शनिवार को गुरु पूर्णिमा पर अपने अंध भक्तों को चेहरा दिखाने के लिए जेल से बाहर आ ही गया। तबीयत ठीक नहीं होने पर जांच के लिए शनिवार को आसाराम एम्स लाया गया। इसकी सूचना पर बड़ी संख्या में उसके अंधभक्त एम्स के बाहर जुटना शुरू हो गए। गड़बड़ी की आशंका से पुलिस ने उन्हें खदेड़ना शुरू किया और लाठियां भी लहराईं। आसाराम का वाहन गुजरने के बाद कुछ अंधभक्त महिलाएं सड़क पर माथा टेकने लगीं।
आसाराम को जोधपुर जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच एम्स लाया गया। यहां उसकी एमआरआई की गई। इसके अलावा कुछ और जांच होनी हैं। दुष्कर्मी आसाराम ने इलाज के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन चुना। उसे दो दिन पहले एम्स लाया जाना था, लेकिन बहाने बनाकर वह नहीं आया। आज शनिवार को वह खुद आने को तैयार हो गया। इसकी खबर उसके अंधभक्तों को मिल चुकी थी। गुरु पूर्णिमा पर उसके दर्शन के लिए वे सुबह से ही एम्स के बाहर जुट गए। गौरतलब है कि हर गुरु पूर्णिमा को आसाराम के अंधभक्त जेल के बाहर इकट्ठा होकर पूजा करते रहे हैं।
माहौल न बिगड़े इसलिए एम्स के बाहर पुलिस बल तैनात है। पुलिस आसाराम समर्थकों को खदेड़ रही है, लेकिन वे कुछ देर में वापस आकर खड़े हो जाते हैं। बताया जाता है कि इनमें से कुछ तो चुपके से अंदर जाने में भी कामयाब रहे। वे आसाराम के पास जाकर उससे मिल आए। अपने गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के मामले में आसाराम को 2013 में जोधपुर पुलिस इंदौर से गिरफ्तार कर लाई थी। तब से वह यहां की जेल में बंद है। वर्ष 2018 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। आसाराम अब तक 15 बार जमानत हासिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दायर कर चुका है, लेकिन किसी भी अदालत से उसे जमानत नहीं मिल पाई है। जिससे उसके अंधभक्त आहत हैं।
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