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टिकैत के आंसुओं ने आंदोलन में जान फूंक दी, समर्थन में किसान पश्चिमी यूपी से दिल्ली कूच।

आज आंदोलनकारी किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) को सद्भावना दिवस के रूप में मना रहे है। 26 जनवरी की हिंसा पर दुख प्रकट करते हुए किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपवास रखेंगे। 

नई दिल्ली-दिल्ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने आशंका को दरकिनार करते हुए दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को एक बार फिर से छिटपुट हिंसा देखने को मिली थी। दिल्ली की सीमाओं पर पुलिसिया कार्रवाई के बाद बुलाई गयी महापंचायत में नरेश टिकैत ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में हुए महापंचायत में फैसला किया गया कि मुजफ्फरनगर और पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों से किसान शनिवार को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। महापंचायत में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी किसानों को सम्बोधित किया।

शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में आयोजित महापंचायत में किसान

आज आंदोलनकारी किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) को सद्भावना दिवस के रूप में मना रहे है। 26 जनवरी की हिंसा पर दुख प्रकट करते हुए किसान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक उपवास रखेंगे। किसान एकता मोर्चा के नेताओं ने देशवासयिं से अपील करते हुए कहा कि आप भी हमारे उपवास में शामिल हो समर्थन करे। आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार को हाईवोल्टेज ड्रामा होने, 26 जनवरी की हिंसा के बाद कल यहां पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई थी। आरएएफ व वज्र वाहन भी तैनाती कर प्रदर्शनकारी किसानों को ले जाने के लिए बसें भी लाई गईं थीं। यहां तक कि किसानों के टेंट भी हटाने शुरू कर दिए गए थे। और ऐसा लगने लगा था कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन का अंत हो गया, लेकिन कुछ ही पलों में पूरी तस्वीर पलट गई। दिल्ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन के कमजोर पड़ने की बात की जाने लगी थी, लेकिन राकेश टिकैत के आंसू ने आंदोलन में जान फूंक दी।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत मीडिया से बात करते हुए भावुक होकर रो पड़े

दरअसल, गुरुवार शाम को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत मीडिया से बात करते हुए रोने लगे थे, उन्होंने कहा कि अगर कृषि कानून वापस नहीं हुए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। राकेश टिकैत के इन शब्द ने किसानों में जोश भरने का काम किया और पश्चिमी यूपी के किसान एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर जुटने लगे। इस पूरे घटनाक्रम को को देखते हुए ही राकेश टिकैत ने षुक्रवार को कहा कि 40 सेकंड में आंदोलन एक बार फिर शुरू हो गया। राकेश टिकैत यहां पर उस 40 सेकंड का जिक्र कर रहे हैं जब वो भावुक हुए थे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए मंच से कहा कि 40 सेकंड में हमारा आंदोलन फिर से शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि गुरुवार दंगे से भी खतरनाक स्थिति थी, मैंने कभी बीजेपी को वोट दिया था, बीजेपी के ही लोगों ने आंदोलन में किसानों की मदद की। राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण जारी रहेगा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर नेताओं का दौरा भी शुरू हो गया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गाजीपुर बार्डर पहुंचे इसके अलावा रालोद जयंत चौधरी शुक्रवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।

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