देहरादून। उत्तराखंड के युवाओं को अब जापान, जर्मनी जैसे देशों में रोजगार मिलेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत सरकार ये सुविधा देने जा रही है। वहीं, केंद्र में नीति आयोग की तर्ज पर अब उत्तराखंड में सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड) को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब इस योजना के तहत एएनएम, जीएनएम पास युवाओं को जर्मनी, जापान आदि देशों में नर्सिंग, बुजुर्गों की देखभाल, हॉस्पिटैलिटी के लिए रोजगार दिलाया जाएगा।
इसके लिए 11 संस्थाओं से प्रस्ताव मिल चुके हैं। वहीं चुने हुए युवाओं को विदेशी भाषा सीखने के कुल खर्च में से 20 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। इसके अलावा अगर प्रशिक्षण, वीजा व हवाई टिकट के खर्च के लिए लोन लेगा तो एक लाख तक की रकम के लोन के ब्याज का 75 प्रतिशत खर्च भी सरकार वहन करेगी। प्रशिक्षण से लेकर वीजा आदि पर लगभग 1.70 लाख तक खर्च आएगा। प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में 85 प्रतिशत को अनिवार्य रूप से रोजगार संबंधित कंपनी को देना होगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम की फीस का निर्धारण इस प्रकार किया जाएगा कि अभ्यर्थी को सेवायोजित होने से पहले कुछ प्रतिशत की धनराशि देनी पड़े। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद शेष राशि भुगतान की जा सकेगी।
नौ मई को वर्कशाप, होगा स्क्रीनिंग टेस्ट…
कंपनियों की चयन केंद्र सरकार की संस्था नेशनल स्किल डेवलपमेंट कंपनी की अधिसूचित कंपनियों में से किया जाएगा। नर्सिंग के क्षेत्र में समस्त नर्सिंग कालेजों के प्रधानाचार्यों के साथ वर्कशाप हो चुकी है। नौ मई को विभिन्न नर्सिंग कालेजों से एएनएम एवं जीएनएम उत्तीर्ण युवाओं को जापान में एल्डरली केयर में रोजगार के अवसरों की जानकारी देने को वर्कशाप रखी गई थी। वर्कशाप में ही इच्छुक युवाओं का स्क्रीनिंग टेस्ट लिया जाएगा। इस प्रशिक्षण के लिए हब सहसपुर में प्रस्तावित है।