देहरादून। औली में नेशनल विंटर गेम्स को लेकर कशमकश की स्थिति बनी हुई है। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव से अगले महीने औली में प्रस्तावित विंटर गेम्स टल सकते हैं। बता दे कि औली में आगामी 2 फरवरी से नेशनल विंटर गेम प्रस्तावित थे। लेकिन जोशीमठ में मौजूदा हालातों से बनी परिस्थितियों के चलते अब औली में होने वाले इन विंटर गेम्स के आयोजनों पर भी संकट मंडरा रहा है। हालांकि परिस्थितियों का आकलन किया जा रहा है और अगले एक सप्ताह में औली में होने वाले विंटर गेम्स को लेकर फैसला लिया जाएगा।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे का कहना है विभाग की एक टीम को जोशीमठ भेजा गया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद शीतकालीन खेलों पर निर्णय लिया जाएगा। माना जाता है कि हालात देखते हुए इस साल औली में विंटर गेम्स नहीं हो पाएंगे। औली में अगले महीने से प्रस्तावित खेलों के लिए पर्यटन और स्कीइंग फेडरेशन की ओर से तैयारी की जा रही है। दो से सात फरवरी तक नेशनल स्कीइंग गेम प्रस्तावित हैं। जबकि सात से नौ फरवरी तक इंटरनेशनल स्कीइंग गेम होने हैं। जोशीमठ में भू-धंसाव और भूस्खलन को देखते हुए खेलों के आयोजन को लेकर संशय बना है। औली के लिए रोपवे भी बंद हो चुका है।
बता दें कि जोशीमठ से औली जाने वाली रोपवे सर्विस गेम्स के टाइम पर तकरीबन 500 यात्रियों को लाने और ले जाने का काम करती है। फिलहाल जोशीमठ में बने ताजा हालातों के चलते रोपवे सर्विस को रोका गया है। औली रोपवे के टावर नंबर वन के नीचे मौजूद जमीन में भू धंसाव के चलते रोपवे सर्विस को बंद कर दिया गया है। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि औली के लिए अब सड़क काफी अच्छी बना दी गई है, जो कि एक विकल्प के रूप में भी देखी जा सकती है। यह सड़क बीआरओ द्वारा बनाई गई है और विंटर गेम्स के टाइम में इसे स्नो कटर से खुला रखा जाता है। वहीं जोशीमठ शहर और आसपास के गांवों में भू-धंसाव की वजह से बिजली आपूर्ति भी खतरे में आ गई है। एक ओर जहां यूपीसीएल के खंभे और लाइनें कभी भी धराशायी हो सकती हैं, वहीं पिटकुल का 66 केवी सब स्टेशन भी शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है।