- इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह पहाड़ी से गिर रहे बोल्डर, करीब 20 जगह बने डेंजर जोन
कोटद्वार। कोटद्वार से सतपुली के मध्य नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग (पौड़ी-कोटद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग) पर सफर कब यात्रियों की जिंदगी पर भारी पड़ जाए, यह कहना मुश्किल है। इस एनएच पर जगह-जगह पहाड़ी से बोल्डर लुढ़क रहे हैं। करीब 55 किलोमीटर के इस सफर में 20 से अधिक स्थान खतरे को न्योता दे रहे हैं। रही-सही कसर बदहाल सड़क ने पूरी कर दी है।गौरतलब है कि वर्ष 2013 में केदार घाटी में आई आपदा के दौरान देवभूमि में फंसे यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए बुआखाल-नजीबाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग की अहम भूमिका रही। अब सिस्टम की लापरवाही के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है। जगह-जगह पहाड़ी से गिर रहे बोल्डर सड़क हादसों को न्यौता दे रहे हैं, तो कहीं चट्टानों से गिर रहा मलबा वाहन चालकों के लिए मुश्किल खड़ी कर रही है।पूरे सफर में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे गिरे बड़े-बड़े पत्थर पूरी कहानी को बयां कर रहे हैं। इसके साथ ही कोटद्वार से सतपुली के बीच 20 से अधिक डेंजर जोन बने हुए हैं। इनमें करीब 12 डेंजर जोन कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य हैं। सबसे पहला डेंजर जोन कोटद्वार से निकलते ही सिद्धबली के समीप है, जहां हर वक्त पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है। पांचवें मील से आमसौड़ के मध्य एक स्थान पर पहाड़ी से गिर रहा मलबा वाहन चालकों के लिए खतरा बना हुआ है। करीब आठ किलोमीटर दूर बीते जनवरी माह में राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा ढह गया था, जिसके बाद एनएच विभाग ने चट्टान को काटकर मार्ग तैयार किया था। वर्तमान में इस स्थान पर कब मलबा आ जाए, कहा नहीं जा सकता। हालत यह है कि करोड़ों रुपये फूंकने के बाद भी कोटद्वार-सतपुली के मध्य सड़क बदहाल पड़ी हुई है।