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‘कातिलों’ को भा रहा उत्तराखंड : शिनाख्त की राह देख रहीं 4703 लाशें!

देहरादून। हालांकि उत्तराखंड को अपराधों की नगण्य घटनाओं के लिहाज से एक शांत प्रदेश के रूप में जाना जाता हो, लेकिन यहां हजारों मौतों के मामले में खुलासा करने की बात तो दूर, उनकी अज्ञात शवों की शिनाख्त तक नहीं कर पाई है। जिससे आज तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठा कि आखिरकार उनकी हत्या क्यों की गई, किस वजह से की गई और शव अपनी पहचान को तरस गये।
देवभूमि में मौतों की यह पहेली पिछले 22 सालों से बदस्तूर जारी है। ये आंखें खोलने वाले आंकड़े जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क ने 7 राज्यों में अज्ञात शवों को लेकर जारी किए हैं। जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान के लिए यह आंकड़े जारी किए हैं। जिसमें आबादी के लिहाज से उत्तराखंड सबसे ऊपर है।
हैरानी की बात यह है कि हजारों लाशों की यह संख्या हर साल एक नया रिकॉर्ड बना रही है। राज्य में ये आंकड़ा 4700 के पार पहुंच गया है, मगर अभी तक इस पर सस्पेंस बरकरार है। उत्तराखंड पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज हजारों मृतक पिछले 22 सालों से अज्ञात शव के रूप में दर्ज हैं। यह लोग कौन थे? उनकी मौत की वजह क्या थी? यह बात कभी सामने ही नहीं आ पाई। पुलिस के लिए इन अज्ञात शवों की शिनाख्त करना एक बड़ी चुनौती रहा है।
राज्य स्थापना यानी 9 नवंबर 2000 के बाद से अब तक ऐसी 4703 लाशें मिल चुकी हैं, जिन शवों के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिल सकी। अज्ञात लाशों के इस आंकड़े को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरुगेशन का कहना है कि जो लाशें मिली हैं, उनकी शिनाख्त न होने की कई वजह हैं। उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन प्रदेश है। लिहाजा पूरे देश के यात्री उत्तराखंड आते हैं। इस दौरान उनकी मौत होने या हत्या किये जाने के कारणों का सटीक पता नहीं चल पाता। हालांकि इन लाशों को अपराध छुपाने के रूप में उत्तराखंड में छोड़ जाने की आशंका से भी पुलिस के अधिकारी इंकार नहीं करते हैं।
इसके अलावा शांत प्रदेश होने के चलते अक्सर उत्तराखंड को बड़े अपराधियों की शरण स्थली के रूप में भी माना जाता है। अपराधियों की प्रवृत्ति अपराध कर सबूत या लाश को कहीं दूर ठिकाने लगाने की होती है। इस लिहाज से भी उत्तराखंड में मिली इन लाशों को देखा जा रहा है। वैसे तो पुलिस के रिकॉर्ड में इन अज्ञात लाशों को चढ़ा दिया जाता है, लेकिन जिस तरह यह आंकड़ा बढ़ रहा है, पुलिस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है।
हिमाचल और पंजाब जैसे राज्यों से भी कहीं ज्यादा अज्ञात शव उत्तराखंड में हर साल मिल रहे हैं। जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान के लिए यह आंकड़े जारी किए हैं। उत्तराखंड में अज्ञात शव बरामदगी में हरिद्वार जिला सबसे ऊपर है।

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