समुद्र की सतह और पानी के भीतर से वार करने वाली स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी-‘आईएनएस खंदेरी’ को गुरुवार सुबह मझगांव डॉक्स शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) में लांच किया गया। इस साल नौसेना की पनडुब्बी शाखा की स्वर्ण जयंती के मौके पर रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे, रक्षा एवं भारतीय नौसेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर भामरे ने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब भारत अन्य देशों के लिए भी पनडुब्बियों का निर्माण करेगा।” इस नई पनडुब्बी को दिसंबर तक बंदरगाह एवं समुद्र में कड़े परीक्षण एवं ट्रायल से गुजरना पड़ेगा और इसके बाद ही इसे भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
डीजल और बिजली से चलने वाली ये पनडुब्बी दुश्मनों पर हमला करने में बेहद कारगर साबित होगी। पनडुब्बी दुश्मन की पकड़ से बचने के लिए आधुनिक फीचर से लैस है। सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइल के जरिए ये पनडुब्बी दुश्मन के छक्के छुड़ा सकती है। यह किसी भी अन्य आधुनिक पनडुब्बी द्वारा अंजाम दिए जाने वाले विभिन्न प्रकार के अभियानों को अंजाम दे सकती है। इन अभियानों में सतह-रोधी युद्धक क्षमता, पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमता, खुफिया जानकारी जुटाना, क्षेत्र की निगरानी करना शामिल है।
बता दें कि खंदेरी का नाम मराठा लड़ाकों के एक द्वीप पर स्थित किले पर पड़ा है। उन्हें इस किले की वजह से 17वीं शताब्दी में समुद्र पर अपना वर्चस्व कायम करने में मदद मिली थी।
लॉन्च हो चुकी है आईएनएस कलवरी
स्कॉर्पीन सीरीज की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को अप्रैल 2015 में लॉन्च किया गया था। इसका ट्रायल अभी जारी है। उम्मीद है कि आईएनएस कलवरी जून तक नेवी के बेड़े का हिस्सा बन जाएगी, जबकि आईएनएस खंडेरी का ट्रायल दिसंबर तक चलेगा।