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तीनों सेनाओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस : साफ कहा, अग्निपथ के विरोध में उतरे युवाओं की सेना में कोई जगह नहीं

नई दिल्ली। केंद्र की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। रविवार दोपहर तीनों सेना प्रमुखों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अग्निपथ योजना के विरोध में उतरे युवाओं को सेना में नहीं लिया जाएगा। यदि पुलिस वेरिफिकेशन में साबित हो गया कि कोई युवा इसके खिलाफ विद्रोह प्रदर्शन में शामिल था, उसके लिये सेना में भर्ती के दरवाजे बंद हो जाएंगे। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी का यह बयान आक्रोशित युवाओं के बीच एक धमकी के रूप में देखा जा रहा है।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने यह बात साफ तौर पर कही। यह सेना में बदलाव का प्रोसेस 1989 से चल रहा है। सेना की औसत उम्र 32 साल थी, इसे 26 पर लाना हमारा लक्ष्य था।  प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, भारतीय नौसेना के प्रमुख वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और भारतीय वायु सेना के कार्मिक प्रभारी एयर मार्शल सूरज झा भी मौजूद हैं।
अनिल पुरी ने कहा कि इस पर दो साल रिसर्च हुआ। तीनों सेना प्रमुख और सीडीएस ने मिलकर दुनिया के सभी देशों की सेनाओं की औसत उम्र देखी। हमें सेना में यूथ चाहिए। हमें जुनून जज्बे के साथ होश की भी जरूरत है।जिस दिन अग्निपथ की घोषणा हुई, उस दिन दो ऐलान हुए पहला देश भर में साढ़े दस लाख नौकरियां और 46 हजार वेकेंसी सेना में अग्निवीर के रूप में, लेकिन लोगों तक केवल 46 हजार की बात ही पहुंची। उम्र में बदलाव कोरोना के कारण किए गए। अगले 4-5 वर्षों में हमारे सैनिकों की संख्या 50-60,000 होगी और बाद में बढ़कर 90,000-1 लाख हो जाएगी। हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचा क्षमता बढ़ाने के लिए 46,000 से छोटी शुरुआत की है। घोषणा के बाद हुए बदलाव किसी डर से नहीं बल्कि ये सब पहले से ही तैयार थे।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर तीनों सेना प्रमुखों की बैठक हुई थी। इस मीटिंग में अग्निपथ योजना को लागू करने और आंदोलनकारियों को शांत करने के तरीकों पर चर्चा हुई थी। योजना को लेकर राजनाथ सिंह द्वारा दो दिनों में बुलाई गई यह दूसरी समीक्षा बैठक थी।
14 जून की घोषणा के बाद से हुए बदलाव : CAPF और असम राइफल्स में अग्निवीरों के लिए 10% आरक्षण दिया जाएगा। मौजूदा साल में अग्निवीर की आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 कर दी गई है। इंडियन कोस्ट गार्ड, डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की 16 कंपनियों में भी नियुक्तियों में आरक्षण मिलेगा। अग्निवीरों को रिटायरमेंट के बाद सस्ता लोन दिया जाएगा और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।

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