आईआईटी में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट देने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी
अब जेईई अडवांस्ड क्लियर कर चुके छात्रों का 12वीं में सिर्फ पास होना ही जरूरी
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन के चलते कई बोर्डों ने 12वीं क्लास की परीक्षा को आंशिक रूप से रद्द कर दिया। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रवेश के इच्छुक छात्र छात्राओं को बड़ी राहत दी है। इस बार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में दाखिले की शर्त में ढील दी गई है। इस साल 12वीं क्लास में सिर्फ पास हुए छात्रों को भी आईआईटी में दाखिला मिल सकेगा। पहले की तरह उनको जेईई एडवांस्ड क्लियर करने के बाद भी 12वीं में 75 फीसद नंबर या टॉप 20 पर्सेंटाइल लाना जरूरी नहीं रह जाएगा। लेकिन दो चीजें अनिवार्य रहेगी। एक तो 12वीं की परीक्षा देनी ही होगी और जेईई एडवांस्ड भी क्लीयर करना होगा। सिर्फ 12वीं के नंबरों में छूट मिलेगी।
बीते शुक्रवार को ट्वीटों की श्रृंखला के माध्यम से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इसकी जानकारी दी। आमतौर पर आईआईटी में ऐडमिशन के लिए जेईई अडवांस्ड क्लियर होना अनिवार्य है। इसके अलावा 12वीं क्लास में कम से कम 75 फीसद मार्क्स होना चाहिए या टॉप 20 पर्सेंटाइल। एससी/एसटी छात्रों के 12वीं में कम से कम 65 फीसदी नंबर होना चाहिए या टॉप 20 पर्सेंटाइल। तभी उनको आईआईटी में एडमिशन मिल सकता है, लेकिन अब सीबीएसई और सीआईएससीई ने अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। दोनों बोर्ड ने बाकी परीक्षाओं के लिए मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके का ऐलान किया है। ऐसे में छात्रों द्वारा हासिल किया जाने वाला मार्क्स इससे प्रभावित हो सकता है। कोविड-19 की गंभीर स्थिति को देखते हुए जेईई मेन की परीक्षा अब तक दो बार टल चुकी है। नए शेड्यूल के मुताबिक जेईई मेन की परीक्षा 1 से 6 सितंबर तक होगी और जेईई एडवांस्ड की परीक्षा 27 सितंबर को होगी।