गोपेश्वर से महिपाल गुसाईं।
आप घरों से प्रतिदिन तमाम चीजों को वेस्ट मटीरियल बता कर उसे फेंक देते हैं। हालांकि बेकार समझी जाने वाली वस्तुओं का भी उपयोग किया जा सकता हैं। ऐसी ही तमाम अनुपयोगी समझे जाने वाली वस्तुओं का पूरा उपयोग करते हुए चमोली जिला प्रशासन ने एक अद्भभुत पार्क का निर्माण किया हैं।
चमोली जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में एक सुन्दर पार्क तैयार कराया गया है। इस पार्क का नाम ही ‘वेस्ट टू वंडर’ रखा गया है। इस पार्क में खाली ड्रम, डब्बों, गाडी के टायरों एवं प्लास्टिक की खाली बोतलों व वकेट से सुन्दर कोकोनेट ट्री, डाॅल, गमले, प्लांट, बतख, तितली, फूलदान और वेस्ट प्लास्टिक बोतलों में मिट्टी भरकर आकर्षक दीवाल बनाकर पार्क की सजावट की गई है। वही खाली ड्रमों को काटकर पार्क में बैठने के लिए सौफे व बेंच बनाए गए है।
साथ ही अनुपयोगी वस्तुओं से सुंदर सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किया गया है। यहां पर पूरे पार्क के साथ सेल्फी ली जा सकती है। वेस्ट मटीरियल से बने सुन्दर गमलों में लगाए गए कई प्रजाति के फूल एवं सजावटी पौधे इस पार्क की सुन्दरता में चार चांद लगा रहे है। पार्क के पेड़ों के आसपास सुंदर फूल, पौधे एवं नदी के गोल पत्थरों से सजावट की गई है। खाली डब्बों पर बने कई प्रकार के कार्टून व चित्र बच्चों को सहसा ही अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। पूरा पार्क एक विशेष आकर्षण का केंद्र बना हैं। इस पार्क में आने वाला हर व्यक्ति नया अनुभव महसूस कर रहा है।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया का कहना हैं कि ‘वेस्ट टू वंटर’ पार्क बनाने के पीछे जिला प्रशासन की मनसा वेस्ट मटीरियल के प्रति आम लोगों को जागरूक कर अनुपयोगी वस्तुओं को प्रोडेक्टिव बनाना और इससे फैल रही गंदगी को रोकना है। साथ ही अनुपयोगी वस्तुओं से कई तरह के उपयोगी आईटम बनाने के लिए नया आइडिया देना भी इसका उदेश्य है। जिलाधिकारी ने कहा कि इससे जहाॅ एक ओर कूडा करकट समझी जाने वाली वस्तुओं का बेहतर उपयोग हो सकेगा, वहीं पर्यावरण में वेस्ट मटीरियल से फैलने वाले प्रदूषण को कम करते हुए प्रकृति में साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखने में भी काफी हद तक मदद मिलेगी।