चीन का झूठ फिर बेनकाब
- कोरोना वायरस से हुई मौतों को लेकर पूरी दुनिया से झूठ बोल रहा है चीन, नये शोध में दावा
- अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी ने 8 कब्रिस्तानों का डाटा जांचा
- दिन-रात हो रहे थे अंतिम संस्कार, रोज 816 का मिला रिकॉर्ड, साथ में मोबाइल श्मशान भी
- इसी वर्ष जनवरी और मार्च के बीच संक्रमण से वुहान में करीब 36 हजार मरीजों की हुईं मौतें
- एक रिसर्च में किया गया है दावा, चीन ने वुहान में 14 गुना कम करके दिखाए मौतों के आंकड़े
वॉशिंगटन। चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई मौतों पर चीन ने जो आंकड़े पेश किये, उन पर अब तक दुनिया यकीन नहीं कर पा रही। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि चीन ने वुहान में मौतों के आंकड़े 14 गुना कम करके दिखाए।
चीनी सरकार के अनुसार वुहान में मौतों का सरकारी आंकड़ा 2,524 है। मगर वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी और ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च कहती है कि वुहान में जनवरी से मार्च के बीच करीब 36,000 लोगों की मौत हुई। यह अध्ययन वुहान के श्मशानों के डाटा पर आधारित है। स्टडी के अनुसार जनवरी से मार्च के बीच वुहान के श्मशानों में चौबीसों घंटे अंतिम संस्कार हो रहे थे।
उधर चीन के मुताबिक, वुहान में कोरोना से संक्रमण का पहला मामला जनवरी की शुरुआत में आया। मगर उससे पहले, दिसंबर 2019 में ही चीनी मेडिकल फोरम्स पर निमोनिया जैसी बीमारी की चर्चा शुरू हो चुकी थी। जनवरी खत्म होते-होते वुहान के अस्पतालों की कमर टूटने लगी थी। उनके पास 90 हजार बेड थे, होटल और स्कूलों में एक लाख बेडों का इंतजाम और किया गया। मगर तब तक चीन ने आधिकारिक आंकड़ा सिर्फ 33,000 का दिखाया। 23 मार्च तक चीन ने वुहान में बाकी जगहों से 42,600 डॉक्टर और हेल्थवर्कर भेज दिए थे। जबकि वहां 90 हजार पहले से संक्रमित मरीज थे, लेकिन 23 मार्च तक चीन ने सिर्फ 50 हजार मामले दिखाए।
दोनों यूनिवर्सिटी ने वुहान के आठ श्मशानों में हलचल का डाटा जुटाया। उनके अध्ययन के अनुसार 25 जनवरी तक इन श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार होने लगे थे। सारे डाटा के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया कि फरवरी से पहले ही वुहान में चीन के आधिकारिक आंकड़े से 10 गुना ज्यादा मामले सामने आ चुके थे। आमतौर पर वुहान में श्मशान रोज चार घंटे चलते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 90 लाख आबादी वाले शहर में आमतौर पर रोज 136 अंतिम संस्कार होते हैं। मगर जिस स्पीड से वहां अंतिम संस्कार हो रहे थे, उस हिसाब से प्रत्येक दिन में 816 मरीजों का दाह संस्कार हो रहा था। मोबाइल श्मशान अलग से संचालित थे। अध्ययन के मुताबिक किसी-किसी दिन वुहान में 2100 मौतें तक हुईं।
शोधकर्ताओं ने अर्न (अस्थि कलश) की सेल का डाटा भी जुटाया। इसके अनुसार जनवरी से मार्च के बीच करीब 36,000 अर्न खरीदी गईं। सारे संसाधनों से डाटा जुटाने के बाद यह पता चलता है कि वुहान में 23 मार्च तक करीब 36 हजार लोगों की मौत हुई थी। जो कि आधिकारिक आंकड़े 2,524 के 14 गुने से भी ज्यादा है। स्टडी के मुताबिक चीन में 7 फरवरी तक कोरोना के 3,05,000 से 12 लाख मामले थे। इस वक्त तक 6,800-7,200 लोगों की मौत हो चुकी थी। जबकि चीन ने आधिकारिक आंकड़े में 7 फरवरी तक सिर्फ 13,600 इन्फेक्शन और 545 मौतें बताईं थीं।