नया खुलासा
- दुनिया के सबसे बड़े मेडिकल जर्नल लैंसेट ने कहा, हवा के जरिये तेजी से फैलता है कोरोना
- तीन देशों के विशेषज्ञों को मिले इसके पुख्ता सबूत, इसलिये नाकाम रहे संक्रमण रोकने के उपाय
- खुली जगहों की बजाय घरों के अंदर और बंद जगहों में ज्यादा तेजी से फैलता है वायरस का संक्रमण
न्यूयॉर्क। स्वास्थ्य पर रिसर्च करने वाले दुनिया के सबसे बड़े मेडिकल जर्नल लैंसेट ने कहा है कि कोरोना वायरस हवा से फैलता है। अपने सर्वे में जर्नल ने दावा किया है कि हवा से वायरस के फैलने के पुख्ता सबूत हैं। ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के 6 एक्सपर्ट ने बताया कि हवा से वायरस फैलने की वजह से ही संक्रमण रोकने के लिए किए जा रहे उपाय काम नहीं कर रहे हैं और ये लोगों में फैल रहा है।
विशेषज्ञों ने कहा है कि बड़े ड्रॉपलेट्स से वायरस के सबसे ज्यादा फैलाव के सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और दूसरी हेल्थ एजेंसियां वायरस फैलने की बताई गई वजहों में बदलाव करें, ताकि संक्रमण को रोका जा सके।
सुपर स्प्रेडर इवेंट में मिले केस : विशेषज्ञों ने रिसर्च के रिव्यू के बाद हवा से फैलने के दावे को मजबूत करने वाले कुछ सबूत रखे हैं। इसमें टॉप पर सुपर स्प्रेडर इवेंट्स का जिक्र है। इनमें कागिट चोयर इवेंट के बारे में बताया गया है। इसमें एक ही संक्रमित से 53 लोगों में वायरस फैल गया। इवेंट की रिसर्च से साफ हुआ कि ये लोग एक-दूसरे के करीब नहीं गए और न मिले। इसके अलावा एक ही सतह को बार-बार छुआ भी नहीं। यानी हवा से ही इन लोगों में वायरस फैला।
इनडोर में ट्रांसमिशन ज्यादा : रिसर्च में बताया गया है कि खुली जगहों की बजाय बंद जगहों में संक्रमण ज्यादा तेजी से फैलता है। बंद जगहों को हवादार बनाकर संक्रमण के फैलाव को तेजी से कम किया जा सकता है।
साइलेंट ट्रांसमिशन से सबसे ज्यादा फैलाव : कोरोना वायरस का साइलेंट ट्रांसमिशन उन लोगों से ज्यादा होता है, जिनमें सर्दी, खांसी के लक्षण नहीं पाए जाते हैं। वायरस के कुल ट्रांसमिशन का 40% हिस्सा इस तरह के संक्रमण से ही होता है। यही साइलेंट ट्रांसमिशन पूरी दुनिया में वायरस के फैलने की मुख्य वजह रही और इस आधार पर ही वायरस के हवा से फैलने की थ्योरी साबित होती है।