जोशीमठ-चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। उत्तराखण्ड डीजीपी अशोक कुमार स्वयं मौके पर राहत एवं बचाव कार्य की मोनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कृपया अफवाह न फैलाएं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर किये जा रहे हैं, उसमें प्रशासन का सहयोग करें। चमोली जिलाधिकारी स्वाति भदोरिया ने की पुष्टि करते हुए कहा अभी तक 11 शव बरामद किये जा चुके हैं, पुल टूटने के कारण जिन 13 गांवों से सम्पर्क टूट गया है वहां के लिये मेडीकल टीम और अन्य सहायता भेजी जा रही है। रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है।
उन्होंने कहा कि जब तक इन गांवों में वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नही हो जाता तब तक हैली से यहां पर रसद पहुंचाया जाएगा। चमोली पुलिस के अनुसार, टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं। वहीं अभी टनल में 30 लोग फंसे हुए हैं। रविवार दोपहर को वायुसेना के सी-130 एयरक्राफ्ट एनडीआरएफ की टीम और पांच क्विंटल राहत सामग्री लेकर जौलीग्रांट पहुंचने के फौरन बाद ही एनडीआरएफ की टीम के साथ ही सेना के जवान व नौसेना के गोताखोरों को दोपहर बाद रैणी गांव के लिए रवाना किया गया।
वहीं, शाम को नौसेना के स्पेशल कमांडो (माकरेस) भी जौलीग्रांट पहुंच गए। सोमवार सुबह पौने सात बजे वायुसेना के जवान राहत सामग्री और माकरेस को लेकर प्रभावित स्थल की ओर रवाना हो गए। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अब तक तपोवन से 3 और कर्णप्रयाग के मार्ग में 7 कुल 10 शव बरामद किए गए हैं। कल तपोवन में छोटी सुरंग से 12 लोगों को बचाया गया, जबकि बड़ी सुरंग को खोलने के प्रयास जारी हैं। इससे मलबा निकाला जा रहा है।
भारतीय वायु सेना के अनुसार, देहरादून से जोशीमठ के लिए एमआई -17 और एएलएच हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी। साथ ही हवाई बचाव और राहत मिशन फिर से शुरू हो गए हैं।