देहरादून। इंफ्लूएंजा वायरस (एच३एन२) के देश के विभिन्न हिस्सों में मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है। वायरस के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने एहतियाती कदम उठाने शुरू करदिए हैं। इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है।
वहीँ दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसन विभाग के एचओडी डा. नारायणजीत सिंह ने बताया कि मौसम बदलने पर बुखार, खांसी, जुकाम, बदन दर्द के मरीज बड़ी संख्या में आ रहे हैं। जो एन्फ्लूएंजा ए वायरस के सब टाइप एच 3एन2 के भी लक्षण है। ओपीडी में कुल 400 से 500 मरीजों में 40 से 50 फीसदी मरीज इन लक्षणों वाले हैं। वहीं ओपीडी एवं इमरजेंसी के माध्यम से भर्ती होने वाले कुल 25 से 30 मरीजों में पांच से छह मरीज इन लक्षणों के साथ सांस की समस्या के साथ भर्ती करने पड़ रहे हैं। जिनकी कोविड, एन्फ्लूएंजा ए वायरस के विभिन्न वैरियंट एच1एन1 एच 2 एन 1, एच3 एन2 की भी जांच कराई जा रही है। हालांकि जांच रिपोर्ट में अभी एन्फ्लूएंजा वायरस ए की पुष्टि नहीं हुई है।
वायरस के ग्रसित होने के ये हैं लक्षण
एक सप्ताह या इससे अधिक दिन तक बुखार। बुखार भी तेज होना। खांसी काफी समय तक रहना। बलगम की परेशानी बढ़ना। नाक से पानी आना। सिर में दर्द रहना। उल्टी जैसा महसूस होना। भूख का कम होना। शरीर में दर्द रहना।
ऐसे करें इंफ्लूएंजा फ्लू से अपना बचाव
बाहर निकलते समय या आफिस में हमेशा फेस मास्क पहनें खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें हाथों को समय-समय पर पानी और साबुन से धोते रहें। खुद को हाइड्रेट रखें, पानी- फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें, नाक और मुंह छूने से बचें। बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें पब्लिक प्लेस पर न थूकें और न ही हाथ मिलाएं किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क से बचें चिकित्सक की सलाह लिए बगैर एंटीबायोटिक नहीं लें।