देहरादून। शहर में दवा की दुकानों पर अनियमितता का अंबार है। हद यह कि नियमित छापेमारी और तमाम सख्ती का भी असर नहीं दिख रहा। कहीं फार्मेसिस्ट नहीं हैं तो कहीं चिकित्सक के पर्चे के बिना ही प्रतिबंधित दवा बेची जा रही हैं। इतना ही नहीं, दवा के क्रय-विक्रय का रिकार्ड भी दुरुस्त नहीं है।
गुरुवार को सीएमओ डा. मनोज उप्रेती और औषधि निरीक्षक नीरज कुमार की अगुआई में तीन दवा की दुकान/क्लीनिक में छापेमारी की गई। तीनों जगह फार्मेसिस्ट मौके पर नहीं मिले। टीबी की दवा का रिकार्ड भी नहीं मिला। संचालक दवा की खरीद और बिक्री की बिल बुक तक नहीं दिखा पाए। इसके अलावा क्लीनिक बिना क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में पंजीकरण के संचालित किए जा रहे थे।
सीएमओ डा. मनोज उप्रेती ने बताया कि सहस्रधारा रोड स्थित डा. राय हेल्थ केयर सेंटर और काव्या हेल्थ सेंटर पर लाइसेंस चस्पा नहीं किया गया था। डा. राय हेल्थकेयर सेंटर में अनाधिकृत व्यक्ति दवा बेच रहा था। औषधि निरीक्षक ने काव्या हेल्थ सेंटर से परीक्षण के लिए दवा के नमूने भी लिए। इसके अतिरिक्त फस्र्ट केयर मेडिकोज सेंटर पर भी दवाओं की खरीद और बिक्री के बिल नहीं मिले।
इस दौरान काव्या हेल्थ सेंटर को मौके पर ही बंद करा दिया गया, जबकि औषधि निरीक्षक ने डा. राय हेल्थ केयर सेंटर व फस्र्ट केयर मेडिकोज के लाइसेंस निलंबन की संस्तुति की है। सीएमओ ने संबंधित क्लीनिक को दो दिन के भीतर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकरण कराने के निर्देश दिए हैं। पंजीकरण नहीं होने पर जुर्माना व कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। एसीएमओ डा. कैलाश गुंज्याल भी कार्रवाई में शामिल रहे।
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