देहरादून। नदी-नालों के किनारे खाली जमीनों पर कब्जा और फिर अवैध निर्माण कर खरीद-फरोख्त का खेल वर्षों से चल रहा है। सरकारी भूमि पर मकान बनाकर 100-100 रुपये के स्टांप पर बेच दिए गए। अब इन मकानों को खरीदने वालों पर बेघर होने का खतरा है।
नजीटी और हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने अतिक्रमण और साल 2016 के बाद की अवैध बस्तियों को हटाने के लिए अपनी कमर कस ली है। नगर निगम ने इसके तहत पहले चरण में रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक 27 अवैध बस्तियों को चिन्हित किया है। अब कमेटी जांच करके इन सभी को नोटिस भेजने का काम कर रही है।
कुल 129 बस्तियां हुई हैं चिन्हित:- नगर निगम में दून क्षेत्र में कुल 129 बस्तियों को चिन्हित किया है और इनमें करीब 40 हजार भवन होने का अनुमान है। वर्ष 2016 के बाद किए गए निर्माण नियम के अनुसार ये अवैध करार दिए गए हैं। बेखौफ होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से बस्तियों का विस्तार करके इनमें सैकड़ों नए भवन तैयार किए गए हैं। नगर निगम ने पिछले आठ साल से इनपर ध्यान भी नहीं दिया। सरकारी नियमानुसार वैसे तो मलिन बस्तियौं में जमीन या भवनों की खरीद-फरोख्त की अनुमति किसी को नहीं है लेकीन शहर की तमाम बस्तियों में लोग धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त चल रही है। यहाँ पर 10 रुपये से लेकर 100-100 रुपये के स्टांप पेपर पर बस्तियों में नए निर्माण कर बेच दिए गए हैं, अब नगर निगम रिस्पना की वास्तविक चौड़ाई जानने के लिए सर्वे कर रहा है।
पहले चरण में ये 27 मलिन बस्तियां चिन्हित:- रिस्पना खटीक कॉलोनी, विजय नगर अघोईवाला, भगत सिंह कॉलोनी अघोइवाला, पंचपुरी चंद्र नगर डालनवाला, गांधी बस्ती डालनवाला, चंदर रोड डालनवाला, बलबीर रोड डालनवाला, संजय कॉलोनी मोहिनी रोड धर्मपुर, शिव नगर अजबपुर, राजीव नगर भाग-2 रिस्पना, राजीव नगर भाग-1, रिस्पना नगर अजबपुर कला, अपर राजीव नगर धर्मपुर, केदारपुर मलिन बस्ती केदारपुर, वीर गब्बर सिंह कॉलोनी किशनगर, काठ बंगला ढाक पट्टी, काठ बंगला-2, आर्य नगर बस्ती करनपुर, बार्डी गार्ड जाखन, अंबेडकर कॉलोनी डीएल रोड अधोईवाला, दीप नगर अजबपुर कला, ऋषि नगर अघोईवाला, राजीव नगर कंडोली, आनंद ग्राम अघोईवाला, गैस गोदाम किशन नगर राजपुर रोड, नेमी रोड मलिन डालनवाला, शास्त्री नगर चूना भट्टा और इंद्रा पुरम कॉलोनी को चिन्हित किया गया है।