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मोदी की शानदार स्क्रिप्ट : 1067 शब्दों तक कृषि कानून वापसी की भूमिका बांधी, 19 शब्दों में किया ऐलान!

नई दिल्ली। आज शुक्रवार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 18 मिनट के संबोधन में 1430 शब्द थे। कानून वापसी घोषणा से पहले भूमिका बांधने में 1067 शब्द, घोषणा करने में 86 और घोषणा की वजह बताने में 277 शब्द कहे।
सबसे पहले वो 86 शब्द जो मोदी 59 सेकेंड में बोले : ‘साथियों, मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रह गई होगी, जिसके कारण दिए के प्रकाश जैसा सत्य, कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाया। आज गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। यह समय किसी को भी दोष देने का नहीं है। आज मैं आपको, पूरे देश को ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का, Repeal करने का निर्णय लिया है।
इसमें उन्होंने ‘क्षमा मांगा’, ‘सच्चे मन’, ‘पवित्र हृदय’, ‘तपस्या में कोई कमी रह गई’ और ‘यह समय किसी को भी दोष देने का नहीं है’, कहने बाद मोदी ने 19 शब्द बोले, ‘ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का, Repeal करने का निर्णय लिया है।’
उनकी स्क्रिप्ट को देखिए… अपने 50 साल के सार्वजनिक जीवन का हवाला देते हुए 41 बार किसान-किसान बोलते रहे। यह पहली बार था जब मोदी किसी सरकारी फैसले को वापस लेने का ऐलान कर रहे थे और इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे।

यह भी पढ़ें : जय किसान : 700 किसानों की शहादत के बाद झुके मोदी, रद्द होंगे तीनों कृषि कानून

मोदी ने अपने भाषण में जिन शब्दों का इस्तेमाल अधिक बार किया उन्हें देखिए…

मोदी बार-बार किसान शब्द का प्रयोग रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अपने पांच दशक के सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की परेशानियों को, उनकी चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है, महसूस किया है। इसलिए, जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्‍याण को सर्वोच्‍च प्राथमिकता दी।’
ऐलान के बाद मोदी ने बोले सिर्फ 277 शब्द : कृषि कानून की वापसी के बाद जो शब्द पीएम मोदी ने बोला, उसमें सिर्फ एक बार उन्होंने ‘आंदोलनरत किसान साथियों’ का जिक्र किया। आंदोलन शब्द उन्होंने एक बार भी नहीं बोला, लेकिन उन्होंने किसानों से एक विनती की, ‘मैं आज अपने सभी आंदोलनरत किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं, आज गुरु पर्व का पवित्र दिन है। अब आप अपने-अपने घर लौटें, अपने खेत में लौटें, अपने परिवार के बीच लौटें। आइए एक नई शुरूआत करते हैं। नए सिरे से आगे बढ़ते हैं।’

नीचे उन शब्दों की का जिक्र है, जिन्हें पीएम मोदी ने अपने भाषण में सिर्फ 1 बार या बिल्कुल नहीं बोला।

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