काठमांडो। नेपाल में विमान दुर्घटना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। नेपाल के पोखरा शहर से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद हिमालयी पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटना का शिकार हुए तारा एयर के विमान का मलबा मिल गया है। नेपाली सेना ने मस्टैंग में थासांग-2 के सानोसवेयर में तारा एयर का दुर्घटनाग्रस्त विमान ढूंढ निकाला है।
तस्वीर आने के कुछ देर बाद नेपाली मीडिया ने दावा किया कि प्लेन में सवार सभी लोगों की मौत हो चुकी है। प्लेन का मलबा मुस्तांग इलाके के कोबन में मिला है। पहाड़ पर यहां-वहां बिखरे क्षत-विक्षत शवों को इकठ्ठा किया जा रहा है। स्थानीय लोग भी इस काम में सेना की मदद कर रहे हैं। ज्यादातर शवों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है। इस विमान पर चार भारतीय नागरिकों समेत कुल 22 लोग सवार थे। अभी तक मस्टैंग जिले के थसांग के सानो स्वरे भीर में 14,500 फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनास्थल से कम से कम 16 शव निकाले गए हैं। बाकी 6 शवों को ढूंढा जा रहा है।
बचाव दलों के साथ सैनिक और हेलीकॉप्टर संभावित घटनास्थल का पता लगाने में जुटे है। विमान को पश्चिमी पर्वतीय इलाके में जोमसोम हवाई अड्डे पर उतरना था, लेकिन पोखरा-जोमसोम हवाई मार्ग पर घोरेपानी के ऊपर आसमान में विमान का टॉवर से संपर्क टूट गया। ‘तारा एयरट के ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान में चार भारतीय नागरिक, दो जर्मन नागरिक और 13 नेपाली यात्रियों के अलावा चालक दल के तीन नेपाली सदस्य सवार थे। कनाडा द्वारा निर्मित विमान पोखरा से मध्य नेपाल स्थित मशहूर पर्यटक शहर जोमसोम जा रहा था। दोनों शहरों के बीच विमान यात्रा में आम तौर पर 20-25 मिनट लगते हैं। वहीं, एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया कि विमान करीब 14,500 फीट की ऊंचाई पर टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चीफ ने बताया कि घटनास्थल पर जांच पड़ताल की जा रही है। नेपाल की सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि नेपाली सेना हवाई मार्ग के जरिए घटनास्थल पर पहुंच गई है। रेस्क्यू ऑपरेश चलाया जा रहा है।
चार भारतीय थे विमान पर सवार
क्रैश हुए प्लेन में सवार चारों भारतीय मुंबई के रहने वाले हैं. अधिकारियों ने बताया कि चारों लोग एक ही परिवार के हैं, जिनकी पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, रितिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में हुई है।
विमान दुर्घटना में नेपाल के एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत
प्लेन क्रैश में नेपाल के एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत हो गई. इनके नाम धनुषा जिला मिथिला नगरपालिका निवासी राजन कुमार गोले, उनके पिता इन्द्र बहादुर गोले, मां राममाया तामाड, काका पुरुषोत्तम गोले, काकी तुलसा देवी तामाड, मामा मकर बहादुर तामाड और मामी सुकुमाया तामाड शामिल हैं। ये पूरा परिवार मुक्तिनाथ के दर्शन के लिए पोखरा से प्लेन में सवार हुआ था।