Saturday , May 18 2024
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / हमारी विचारधारा है कि राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरिःप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

हमारी विचारधारा है कि राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरिःप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

नई दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए लोकल फॉर वोकल, जनधन योजना, हर घर में शौचालय से लेकर टेक्नोलॉजी तक की सरकार की उपलब्धियां गिनवाई। संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज हम सभी दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर ’आज उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए हैं। पहले भी अनेकों अवसर पर हमें दीनदयाल जी से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने का, विचार रखने का और अपने वरिष्ठ जनों के विचार सुनने का अवसर मिलता रहा है।

नई दिल्ली में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ’ये हमारी विचारधारा है कि हमें राजनीति का पाठ, राष्ट्रनीति की भाषा में पढ़ाया जाता है। हमारी राजनीति में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरि है। यदि हमें राजनीति और राष्ट्रनीति में एक को स्वीकार करना होगा, तो हमें संस्कार मिले हैं हम राष्ट्रनीति को स्वीकार करेंगे, राजनीति को नंबर दो पर रखेंगे।’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा सामाजिक जीवन में एक नेता को कैसा होना चाहिए, भारत के लोकतन्त्र और मूल्यों को कैसे जीना चाहिए, दीनदयाल जी इसके भी बहुत बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, ’एकात्म मानव दर्शन का उनका विचार मानव मात्र के लिए था। इसलिए, जहां भी मानवता की सेवा का प्रश्न होगा, मानवता के कल्याण की बात होगी, दीनदयाल जी का एकात्म मानव दर्शन प्रासंगिक रहेगा। एक ओर वो भारतीय राजनीति में एक नए विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर, वो हर एक पार्टी, हर एक विचारधारा के नेताओं के साथ भी उतने ही सहज रहते थे। हर किसी से उनके आत्मीय संबंध थे।

नई दिल्ली में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार रखते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीतिक अस्पृश्यता का विचार अस्वीकार करते हुए बताया कि पार्टी में वंशवाद को नहीं कार्यकर्ता को महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा प्रणव मुखर्जी, तरुण गोगोई, एस.सी.जमीर इनमें से कोई भी राजनेता हमारी पार्टी या फिर गठबंधन का हिस्सा कभी नहीं रहे। लेकिन राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमारे राजनीतिक दल हो सकते हैं, हमारे विचार अलग हो सकते हैं, हम चुनाव में पूरी शक्ति से एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने राजनीतिक विरोधी का सम्मान ना करें। इस मौके को ठश्रच् ‘समर्पण दिवस’ के तौर पर मनाती है। पार्टी के पितृपुरुष कहे जाने वाले दीन दयाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी व भारतीय जन संघ के अध्यक्ष भी थे। उनका जन्म 25 सितंबर 1916 को हुआ था। समावेशित विचारधारा के समर्थक दीन दयाल मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। साहित्य में गहरी रुचि रखने वाले दीन दयाल ने हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में कई लेख लिखे। उन्होंने एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी थी जिसके तहत विभिन्न संस्कृतियां आपस में मिलकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकें।

About team HNI

Check Also

CISCE Result 2024: 10वीं, 12वीं का रिजल्ट जारी, डायरेक्ट लिंक से ऐसे करें चेक…

नई दिल्ली। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने आज सीआईएससीई (CISCE Result …

Leave a Reply