नई दिल्ली: नए वित्त वर्ष 2023-24 के शुरू होने के साथ आरबीआई ने कर्ज लेने वालों को बड़ी राहत दी है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के नतीजों का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने पॉलिसी रेट यानि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास दुनिया में जारी बैंकिंग क्राइसिस पर चिंता जताई और कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी अशांति के नए दौर का सामना कर रही है। विकसित देशों में बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल पर आरबीआई कड़ी नजर रख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि 2022-23 में GDP में 7 फीसदी की वृद्धि हुई, जो दर्शाता है कि आर्थिक स्थिति लचीली रही।
दास ने बताया कि अप्रैल-जून 2023 में जीडीपी रेट 7.8 फीसदी और जुलाई-सितंबर 2023 अनुमान को 6.2 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। इसके अलावा अक्टूबर-दिसंबर 2023 जीडीपी रेट 6 फीसदी से बढ़ाकर 6.1 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 जीडीपी रेट अनुमान को 5.8 फीसदी से 5.9 फीसदी किया गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.2 फीसदी रखा गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है। बीते साल मई 2022 से अब तक रिजर्व बैंक चरम पर पहुंची महंगाई (Inflation) को काबू में करने के लिए एक के बाद एक लगातार सात बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है।
RBI MPC Meeting…
- RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया
- RBI ने रेपो रेट 6.5% पर स्थिर रखा
- MPC के सदस्यों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया
- ब्याज दरें आगे स्थिति देखकर तय होंगी
- 6 में से 5 सदस्य अकोमोडेटिव रुख वापसी के पक्ष में
- महंगाई अभी भी हमारे लक्ष्य से ज्यादा है
- FY24 GDP अनुमान 6.4% से बढ़ाकर 6.5%
- FY24 का CPI महंगाई दर अनुमान 5.3% से घटाकर 5.2%
- इकोनॉमी की जरूरत के मुताबिक लिक्विडिटी मैनेजमेंट करते रहेंगे
- करेंट अकाउंट घाटा काबू में रहने की उम्मीद