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इस तारीख शुरू होगी पारंपरिक श्री नंदा लोकजात यात्रा

  • सिद्धपीठ कुरूड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं आयोजन कमेटी के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ के नेतृत्व में जारी किया गया कार्यक्रम

थराली से हरेंद्र बिष्ट।

आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद पारंपरिक रूप से प्रतिवर्ष भादों मास में शुरू होने वाली श्री नंदा लोकजात यात्रा का कार्यक्रम आयोजन समिति ने तय कर जारी कर दिया है। इस के तहत 14 अगस्त से 1 सितंबर तक यात्रा आयोजित होगी और इस दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर जारी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा।
आज बुधवार को सिद्धपीठ कुरूड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं आयोजन कमेटी के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया से जिला मुख्यालय गोपेश्वर में भेंट कर यात्रा के संबंध में विचार विमर्श किया। जिस पर डीएम ने नंदा की ऐतिहासिक उत्सव डोली के साथ मात्र 10 ही लोगों के रहने एवं यात्रा पड़ावों पर सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही इस व्यवस्था में प्रशासनिक सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद आयोजन समिति कुरूड़ ने आज बुधवार को यात्रा का विधिवत कार्यक्रम जारी कर दिया।

समिति के अध्यक्ष मंशाराम गौड़, धनीराम गौड़, योगेश्वर गौड़, राजेश गौड़ आदि ने कार्यक्रम जारी करते हुए बताया कि नंदा की उत्सव डोली कुरूड़ मंदिर के गर्भगृह से 14 अगस्त को पूरे विधि-विधान के साथ बाहर निकाली जाएगी। कुछ देर डोली वहीं पर दर्शन एवं पूजा अर्चना के लिए रखने के बाद सीधे अपने पहले पड़ाव चरबंग के लिए रवाना हो जाएगी। अब से पहले तक डोले के गर्भगृह से निकलने के बाद दो दिनों तक दर्शन एवं पूजा अर्चना के लिए कुरूड़ मंदिर के प्रांगण में ही रखा जाता रहा है। किंतु कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस परंपरा को बदला गया हैं।
कार्यक्रम के अनुसार डोली 14 अगस्त को पहले पड़ाव चरबंग के बाद 15 अगस्त को चरबंग से धरगांव शिवमन्दिर होते हुए रात्रि विश्राम के लिए उस्तोली गांव पहुंचेगी, 16 को उस्तोली से सरपानी, लाखी होते हुए भेटी,17 को भेटी से स्वारी, बंगाली होते हुए थराली ब्लाक के डुंग्री गांव पहुंचेगी, 18 को डुंग्री से केरा, मैन होते हुए सूना 19 को सूना, थराली, राड़ीबगड़ होते हुए चेपड़ो 20 को और चेपड़ो से कोठी होते हुए धरामल्ला, 21 को धरामल्ला से देवाल, इच्छोली, हाट होते हुए फल्दियागांव, 22 को फल्दियागांव से कांडे, पिलखडा़, ल्वाणी होते हुए मुंदोली 23 को मंदोली से लोहाजंग, कर्जाबगड़ होते हुए लाटूधाम वांण गांव पहुंचेगी, 24 को वांण से रणकाधार, कैलगंगा होते हुए निर्जन पड़ाव गैरोली पातल पहुचेगी, 25 अगस्त को गैरोली पातल से वेदनी बुग्याल यात्रा पहुंचेगी जहां पर वेदनी कुंड़ के पास स्थित नंदा मंदिर में जात (देवी की विशेष पूजा) के साथ ही पितरों को तर्पण के साथ ही यात्रा वेदनी से दोपहर बाद आली बुग्याल होते हुए बांक गांव रात्रि विश्राम के लिए पहुंचेगी। 26 अगस्त को यात्रा बांक से ल्वाणी, 27 को ल्वाणी से उलंग्रा, 28 को उलंग्रा से बेराधार, 29 को बेराधार से गोठिंड़ा 30 को गोठिंड़ा से कुराड़, 31 अगस्त को कुराड़ से ढुंगाखोली एवं 1 सितंबर को ढुंगाखोली से भेटा होते हुए नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा गांव पहुंचेगी। जहां पर विधि-विधान के साथ श्री नंदा देवी की ड़ोली को अगले छह माह के प्रवास के लिए मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड की प्रसिद्ध श्री नंदा देवी राजजात यात्रा के आयोजन को लेकर पहले से ही कोरोना वायरस संक्रमण के चलते तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे। यात्रा के आयोजन होने अथवा इस साल इसे स्थगित करने तक के प्रश्न उठने लगे थे।

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