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कविताओं के संदेश को गहराई से समझने की जरूरतःमुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

देहरादून- मुख्यमंत्री आवास के जनता दर्शन हॉल में युवा आदर्श स्वामी विवेकानंद की 138 वीं जयंती को “युवा चेतना दिवस“ के रूप में मनाये जाने के उपलक्ष्य में मंगलवार को आयोजित राष्ट्रभक्ति कवि सम्मेलन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हम सभी के आदर्श हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता का परचम लहराया।

स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित राष्ट्रभक्ति कवि सम्मेलन में ड़ा. कुमार विश्वास ने ‘है नमन उनको जो इस देह को अमरत्व देकर, इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए, है नमन उनको जिनके सामने बौना हिमालय, जो धरातल पर गिर पड़े, आसमानी हो गए’ कविता से शहीदों को नमन किया। ड़ा. विश्वास ने अपनी प्रसिद्ध कविता ‘कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है’ सहित अन्य कई कई कविताएं भी सुनाईं। सुश्री कविता तिवारी, राजीव राज, रमेश मुस्कान और तेजनारायण शर्मा ‘बेचैन’ ने अपनी कविताओं से समां बांध दिया। इस दौरान राष्ट्र, संस्कृति, सेना की वीरता, मातृ शक्ति सहित विभिन्न विषयों पर काव्य प्रस्तुतियां से पूरा हॉल तालियों से गुंज उठा। डा. कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में कवि सम्मेलन को संचालित कर लोगों को कवि सम्मेलन में सहभागी बनाया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि कवि मुक्त होते हैं, उन्हें मुक्त होना भी चाहिए। उन्होंने कहा जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि। हमारा दायित्व है कि उनकी कविताओं की गहराईयों को समझें। कविताओं के संदेश को समझ कर हम समाज, शासन में सुधार करने की कोशिश भी करते हैं।

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