Friday , May 3 2024
Breaking News
Home / उत्तराखण्ड / …तो अंग्रेजों के जमाने में भी सरकार देखती थी चारधाम का प्रबंधन!

…तो अंग्रेजों के जमाने में भी सरकार देखती थी चारधाम का प्रबंधन!

  • इस बाबत तत्कालीन टिहरी गढ़वाल राज्य के मुख्य सचिव का 1934 का एक पत्र हुआ वायरल

देहरादून। एक तरफ चारधाम के बेहतर प्रबंधन के लिये देवस्थानम् बोर्ड का विरोध हो रहा है तो दूसरी ओर तत्कालीन टिहरी गढ़वाल राज्य के मुख्य सचिव का वर्ष 1934 का एक पत्र वायरल हो रहा है।
पत्र में लिखी भाषा से यह स्पष्ट झलकता है कि उस वक्त भी बदरीनाथ धाम के रावल की नियुक्ति राज्य सरकार ही करती है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि दशकों से सरकार ही ऐसा कर रही है तो अब देवस्थानम् बोर्ड का विरोध क्यों। यह पत्र अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
टिहरी गढ़वाल राज्य के मुख्य सचिव, नरेंद्र नगर टिहरी की ओर से राज्य के पॉलिटिकल एजेंट को 23 मार्च-1934 को एक खत लिखा गया था। इस खत में कहा गया है… ‘रावल की नियुक्ति पर सवाल उठाना सही नहीं है। वर्तमान रावल शारीरिक समस्या के चलते अपना काम नहीं पा रहे थे और उन्होंने इसके लिए एक मैनेजर की नियुक्ति कर दी थी। मंदिर मैनेजमेंट स्कीम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।’ इस खत के साथ रावल की नियुक्ति का आदेश भी संलग्न किया गया था।
इस पत्र के आधार पर यह साफ हो जाता है कि अंग्रेजों के जमाने में भी चारधामों पर सरकार का ही नियंत्रण था। यह खत ऐसे वक्त में वायरल हो रहा है, जबकि देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहित खासा विरोध कर रहे हैं।

धामी सरकार की ओर से इस मामले को निपटाने के लिए पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी भी बनाई जा चुकी है। हालांकि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बोर्ड की खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका डाली थी। वहां से खारिज होने के बाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा चुकी है। फिलहाल यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

About team HNI

Check Also

UK Board result 2024: इन्होंने मारी बाजी, जानिए कौन हैं 10वीं और 12वीं के टॉप-5 छात्र-छात्राएं…

नैनीताल। उत्तराखंड बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित हो गया है। हाईस्कूल का …

Leave a Reply