देहरादून। कांग्रेस कमेटी की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने धामी कैबिनेट के उस फैसले पर सवाल खड़े किए, जिसके तहत राष्ट्रीय दलों को भवन निर्माण में कथित छूट दी गई थी।
गरिमा दसौनी ने कहा कि भाजपा ने पूर्व में नियमों को ताक पर रखकर राजधानी में अपने मुख्यालय का शिलान्यास किया था। सत्ता के दुरुपयोग के उस कार्य पर पर्दा डालने के लिए अब कैबिनेट का सहारा लिया गया है। गौरतलब है कि बीते रोज मंत्रिमंडल की बैठक में देहरादून महायोजना-2025 के जोनल प्लान के तहत सरकारी भवनों के भवन निर्माण के लिये भूमि पर छूट का प्रावधान सभी राष्ट्रीय दलों पर भी लागू करने का निर्णय लिया था। दसौनी ने कहा कि पिछले साल भाजपा ने सत्ता के नशे में तयशुदा प्रक्रिया को पूरा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन गलती को अब कैबिनेट के जरिए सही साबित करने का प्रयास किया गया है।
दसौनी ने कहा कि आज कोरोना संकट के इस दौर में जब लोग अपना रोजगार खो चुके हैं और उनके आगे जीवन यापन का संकट बना हुआ है, ऐसे में भाजपा का आलीशान और हाईटेक कार्यालय उनके ज़ख्मों में नमक की तरह है। दसौनी ने बताया कि भाजपा के प्रस्तावित कार्यालय में 55 कमरे, चार हॉल, डिजिटल लाइब्रेरी एवं सभी सुविधाओं से लैस भवन बनेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, बेहतर होता कि दलगत स्वार्थ की बजाय आम जनता के कल्याण के लिए कैबिनेट के विशेषाधिकार का प्रयोग किया जाता। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता उत्तराखंड की भलाई और विकास से कहीं ज्यादा भाजपा मुख्यालय के भव्य निर्माण कराने में है।
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