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सीएम की घोषणाओं को सिरे चढ़ने की राह देख रही पिंडर घाटी की यह खस्ताहाल सड़क!

लालफीताशाही की हुई शिकार

  • करीब 15 बरसों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा थराली-देवाल-मंदोली-वांण मार्ग
  • पिंडरघाटी की करीब एक लाख से अधिक की आबादी को सीधा जोड़ती है यह सड़क
  • यातायात सुविधा का लाभ पहुंचाने के साथ ही यह मार्ग बना है इस क्षेत्र की धड़कन
  • पूर्व ब्लाक प्रमुख देवाल, प्रदेश सचिव कांग्रेस उर्मिला बिष्ट ने सरकार पर उठाये सवाल

थराली से हरेंद्र सिंह बिष्ट।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दो-दो बार घोषणा करने के पौने दो सालों के बाद भी क्षेत्र का प्रमुख थराली-देवाल-मंदोली-वांण मोटर मार्ग आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा हैं। इसके साथ ही यह खस्ताहाल सड़क मुख्यमंत्री की घोषणा के सिरे चढ़ने की राह देख रही है। गौरतलब है कि यह सड़क पिंडरघाटी की करीब एक लाख से अधिक की आबादी को सीधा तौर पर यातायात सुविधा का लाभ पहुंचाने के साथ ही इस क्षेत्र की धड़कन बनी हुई है।
गौरतलब है कि पिंडर घाटी के थराली व देवाल ब्लाक के आम लोगों को सीधे यातायात से जुड़ने के लिए 70 से 80 के दशक के बीच थराली-देवाल-मंदोली तक करीब 38 किमी मोटर सड़क का सरकार ने निर्माण कार्य करवाया था। उसके बाद इस क्षेत्र के अंतिम आवादी वाले गांव वांण में स्थित लाटू देवता के मंदिर में एवं इसी मार्ग पर पड़ने वाले रहस्यमय ‘रूपकुंड’ ट्रैक के लिए बढ़ाते श्रद्धालुओं एवं साहसिक देशी-विदेशी ट्रैकरों की संख्या को देखते हुए वर्ष 1999-2000 में मंदोली-लोहाजंग-वांण के लिए करीब 16 किमी मोटर सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया। थराली से देवाल तक 12.700 किमी में इस संपूर्ण मोटर सड़क का निर्माण, रखरखाव का जिम्मा सम्भाले लोनिवि थराली ने अब तक मात्र 3 बार, देवाल से मंदोली तक 25 किमी में 2 बार एवं मंदोली- लोहाजंग-वांण मोटर मार्ग पर मात्र एक बार ही डामरीकरण व सुधारीकरण का कार्य किया गया हैं।
पूर्व ब्लाक प्रमुख देवाल व प्रदेश सचिव कांग्रेस उर्मिला बिष्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार आम जनता की मूलभूत सुविधाओं के प्रति कितनी गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की दो-दो बार की हाॅटमिक्स से सड़क बनाने की घोषणा के पौने दो साल बाद भी उस पर अमल नहीं हो पाया। इसके बावजूद घोषणा के विरुद्ध मात्र 5 किमी पीसी का कार्य स्वीकृत करना आम जनता के साथ मजाक हैं। बल्कि यह कहा जाए कि ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ तो गलत नही होगा। इस सड़क की दयनीय स्थिति के लिए सीधे सरकार जिम्मेदार हैं।
इस मोटर सड़क पर ट्रैफिक बढ़ने के साथ सड़क का काफी भाग क्षेत्र में तेज बहाव के साथ बहने वाली पिंडर नदी के किनारे से गुजरने एवं सड़क पर दर्जनों नाले व बड़ी बड़ी चट्टानों के पड़ने के कारण चातुर्मास में क्षेत्र की प्रमुख सड़क क्षतिग्रस्त होती रही है। बावजूद इसके 15 से 20 वर्ष में एक बार सड़क का डामरीकरण कितने समय तक बचा रह सकता हैं। अनुमान लगाया जा सकता हैं। इस सड़क के रखरखाव के लिए उचित धनराशि के अभाव में वर्तमान में सड़क की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई हैं।इस पर यात्रा करने वाले यात्री तक कहने पर मजबूर हो गए हैं कि सड़क पर गड्ढे हैं या कि गड्ढों में सड़क।

पूर्व ब्लाक प्रमुख देवाल व प्रदेश सचिव कांग्रेस उर्मिला बिष्ट

खस्ताहाल इस सड़क पर आम लोग मजबूरी में ही सफर करते हैं अन्यथा सड़क पर जितना हो सके यात्रा से बचने के प्रयास में जुटे रहते हैं। खस्ताहाल इस सड़क का सुधारीकरण कर हाॅटमिक्स बनायें जाने की कई सालों से क्षेत्रीय जनता सरकार से मांग करते आ रही हैं। इसी मांग पर पिछले साल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बाकायदा पहले पिंडर क्षेत्र के अंतिम गांव घेस में जड़ी-बूटी के एक कार्यक्रम में एवं इसी वर्ष लोहाजंग में आयोजित स्वर्गीय विधायक शेर सिंह दानू की स्मृति में आयोजित मेले का उद्घाटन करते हुए मंच से थराली-वांण 52.700 किमी मोटर सड़क के सुधारीकरण एवं हॉटमिक्स के जाने की घोषणा की थी किंतु आज तक भी इस घोषणा पर अमल नहीं हो पाया है।
अधीक्षण अभियंता लोनिवि गोपेश्वर मुकेश परमार ने बताया कि थराली-वांण मोटर सड़क के सुधारीकरण एवं हाॅटमिक्स के लिए लोनिवि थराली डिवीजन द्वारा पिछले साल ही करीब 27 करोड़ रुपए का आगणन तैयार कर शासन को भेज दिया हैं। इस संबंध में कार्रवाई गतिमान हैं। धनराशि मिलते ही सड़क पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। वर्तमान में इस सड़क पर 5 किमी पीसी के साथ ही वार्षिक अनुरक्षण के तहत अधिक खराब स्थानों पर पैंच भराई का कार्य चल रहा हैं।

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