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उत्तराखंड चारधाम यात्रा : देवस्थानम बोर्ड ने जारी किये 1065 ई-पास

  • अभी तक दो लाख अस्सी हजार से अधिक तीर्थयात्री चार धाम के कर चुके हैं दर्शन

देहरादून। आज 11 नवंबर को उत्तराखंड देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov. in से 1065 लोगों ने चार धामों हेतु ई -पास बुक कराये हैं। जिसमें श्री बदरीनाथ धाम के लिए 154, श्री केदारनाथ धाम के लिए 846, श्री गंगोत्री धाम हेतु 36 श्री यमुनोत्री धाम हेतु 29 लोगों ने ई पास बुक कराये है। देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार धाम तीर्थयात्रा हेतु उत्तराखंड से बाहर के तीर्थ यात्री 72 घंटे पूर्व की  इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर)  से प्रमाणित लैब से कोरोना जांच की नैगेटिव रिपोर्ट अथवा क्वारंटीन अवधि का प्रमाण  के मानक को समाप्त कर दिया गया है। अब स्वास्थ्य मानको का पालन कर देवस्थानम बोर्ड  की वेबसाइट से देश के अन्य प्रांतों के लोग आसानी से चारधाम यात्रा ई पास बना रहे है।
आयुक्त गढ़वाल/उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने यह जानकारी दी है कि देवस्थानम बोर्ड द्वारा श्री यमुनोत्री धाम एवं गंगोत्री धाम में न्यासियों/ हकूकधारियों के सहयोग हेतु देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की है वर्तमान समय में देवस्थानम बोर्ड के यमुनोत्री धाम तथा गंगोत्री धाम जानेवाले तीर्थयात्रियों को यात्री सुविधाओं तथा सहायता-मार्गदर्शन किये जाने हेतु  देवस्थानम बोर्ड कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में जिला प्रशासन के सहयोग से यमुनोत्री धाम हेतु बड़कोट में  तथा गंगोत्री धाम हेतु अग्रिम आदेशों तक देवस्थानम बोर्ड के कार्यालय खोले जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अधिनियम के तहत हक हकूकधारियों के सभी हित सुरक्षित हैं। शासन स्तर पर तीर्थ- पुरोहितों, हक-हकूकधारियों के संरक्षण हेतु नियमावली पर कार्य चल रहा है। श्री ईश्वानेश्वर मंदिर केदारनाथ, श्री भविष्य बदरी मंदिर तपोवन सुभाई, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के जीर्णोद्धार हेतु दानी दाता आगे आये हैं। उन्होंने कहा कि देवस्थानम द्वारा कुछ दिनों पहले प्रदेश से बाहर लोगों को कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट एवं क्वारंटीन की शर्तों को हटा दिया गया था जिससे ई पास की संख्या बढ़ी है। इसी के मद्देनजर चमोली, रूद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी जिलाधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर चारों धामों में अधिक तीर्थयात्रियों को आने की अनुमति दी गयी। इसी अनुसार तीर्थयात्रियों हेतु स्वास्थ्य, आवास, भोजन, परिवहन सहित आवश्यक सुविधाएं जुटायी गयी हैं। अब यात्री ई पास हेतु कोरोना रिपोर्ट की  जरूरत नहीं है। देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट से ई-पास बनाकर सभी प्रदेशों के श्रद्धालुओं को कोरोना बचाव स्वास्थ्य मानकों के साथ चार धाम यात्रा की अनुमति  है। चार धामों में तीर्थयात्रियों को मंदिरों में दर्शन हो रहे है जिसमें किसी तरह का कोई अवरोध नहीं है।
यात्रा मार्ग पर देवस्थानम बोर्ड के यात्री विश्राम गृहों को तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु खोला जा चुका है। आवास के अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं, जन सुविधाओं आदि की व्यवस्थायें चाकचौबंद की गयी है। चारधाम में अक्टूबर अंतिम सप्ताह से बर्फवारी शुरू हो गयी है।  सड़कों की स्थिति अब सामान्य है। यात्रा मार्ग खुले हुए हैं। भूस्खलन से बाधित जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग को वेकल्पिक रूप से ठीक कर दिया गया है।  यात्रा सुचारू हो गयी है।
हेली काप्टर से आने वाले तीर्थयात्रियों को ई पास से छूट दी गयी है तथा हेली से दर्शन को पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य जांच हेतु संबंधित हेली कंपनियों को निर्देशित किया गया है। हैली सेवा से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे है। अभी तक 35 हजार से अधिक तीर्थयात्री हेली सेवा से केदारनाथ धाम पहुंचे हैं।
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि   देवस्थानम बोर्ड द्वारा 1 जुलाई से 11 नवंबर शाम तक 2,79,256 ई-पास जारी किये जा चुके हैं। ई-पास तीर्थ यात्रियों को उनके द्वारा सुझाई गयी तिथियों हेतु जारी किये गये है। ई-पास लेकर तीर्थयात्री दर्शन को पहुंच रहे हैं। दर्शनार्थियों की प्रतिदिन की संख्या बढ  दी गयी है जिससे अधिक तीर्थ यात्री चारधाम पहुंच रहे हैं।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि 10 नवंबर तक दो लाख अस्सी हजार से अधिक  तीर्थ यात्री चार धाम दर्शन हेतु पहुंच गये है। जिसमें ढाई लाख तीर्थ यात्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ पहुंचे हैं। बदरीनाथ केदारनाथ, श्री गंगोत्री-यमुनोत्री के निकटवर्ती ऊंची पहाड़ियों पर बर्फवारी से मौसम सर्द हो गया है लेकिन चारधाम यात्रा सतत चल रही है।
इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर शायं 3 बजकर 35 मिनट, श्री केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर भैयादूज पर प्रात: 8बजकर 30 मिनट, श्री गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर अन्नकूट ( गोवर्धन पूजा) के अवसर पर दिन में 12.15 बजे, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज 16 नवंबर  दिन में 12.15 बजे  शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।
द्वितीय केदारनाथ श्री मदहेश्वर के कपाट 19 नवंबर को  प्रात: 7 बजे तथा तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर को  दिन में 11.30 बजे बंद हो गये हैं जबकि श्री रूद्रनाथ जी के कपाट 17 अक्टूबर को शीतकाल हेतु बंद हुए 7 नवंबर से मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गयी हैं।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के पश्चात श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी पांडुकेश्वर में विराजमान होंगे‌। आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी जोशीमठ श्री नृसिंह मंदिर पहुंचेगी। इसी तरह केदारनाथ धाम तथा मद्महेश्वर जी  के कपाट बंद होने पर बाबा की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। मां गंगोत्री की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखवा तथा मां यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली पहुंचती है।
तृतीय केदार तुंगनाथ जी की उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ पहुंचेगी। शीतकालीन गद्दीस्थलों पर लगातार पूजायें संपन्न होती हैं। इस बार श्री मद्महेश्वर मेला 22 नवंबर को आयोजित होगा। पोर्टल प्रभारी संजय चमोली के अनुसार ई- पास के लिए श्रद्धालुओं द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा है तथा यात्रियों जी को उचित मार्गदर्शन किया जा रहा है। तीर्थयात्री ई पास द्वारा चार धामों के दर्शन हेतु पहुंच रहे है तथा तीर्थ यात्रियों को ई पास के माध्यम से बेहतर दर्शन हुए है। 

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