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उत्तराखंड पुलिस के इन 12 जांबाजों को मिले राष्ट्रपति पुलिस पदक और पुलिस पदक

  • ‘राज्य स्थापना दिवस’ पर राज्यपाल ने पुलिस रैतिक परेड की ली सलामी और उत्तराखंड पुलिस की तारीफों के पुल बांधे

देहरादून। आज मंगलवार को राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (से.नि) ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।
इस मौके पर गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड पुलिस के 12 अधिकारियों/कर्मचारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, एवं पुलिस पदकों से अलंकृत किया। विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक पूरण सिंह रावत, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय  (स्वतंत्रता दिवस-2019), विमला गुंज्याल, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी, प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय (स्वतंत्रता दिवस-2019), अनिल कुमार त्यागी, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, जनपद पौड़ी गढ़वाल (गणतन्त्र दिवस-2020)। सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक नारायण सिंह नपलच्याल पुलिस उपमहानिरीक्षक सीआईडी, सीआईडी मुख्यालय (स्वतंत्रता दिवस-2019) योगेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  हरिद्वार (स्वतंत्रता दिवस-2019) वीरेन्द्र प्रसाद डबराल, सहायक सेनानायक (सेवानिवृत्त), 40वीं वाहिनी पीएसी, भगवान सिंह, प्लाटून कमांडर विशेष श्रेणी (सेवानिवृत्त), 46वीं वाहिनीं पीएसी श्याम सुन्दर पांडे उपनिरीक्षक विशेष श्रेणी (सेवानिवृत्त), जनपद-अल्मोड़ा सुनील कुमार सिंह, फायर सर्विस चालक, जनपद- देहरादून (गणतंत्र दिवस-2020), राकेश कुमार, लीडिंग फायरमैन, जनपद-देहरादून (गणतंत्र दिवस-2020), वंश नारायण यादव, लीडिंग फायरमैन, जनपद-चम्पावत (स्वतंत्रता दिवस-2020), खजान सिंह तोमर, लीडिंग फायरमैन, जनपद-टिहरी गढ़वाल (स्वतंत्रता दिवस-2020), उत्कृष्ट थाना- पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, केंद्रीय गृह मंत्रालय के मानकों के अनुरुप जनपद अल्मोड़ा के थाना सल्ट को उत्कृष्ट थाना-2021 चुना गया तथा सुशील कुमार, प्रभारी निरीक्षक सल्ट को ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया गया।

समारोह गुरमीत सिंह ने उपस्थित जनसमूह को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों को भी नमन किया। साथ ही अनुशासित और भव्य पुलिस परेड के लिए पुलिस परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की कानून-व्यवस्था की नींव पुलिस है। आज हमारी पुलिस युवाओं को उचित मार्गदर्शन देने, नशा-मुक्ति अभियान चलाने, असहाय लोगों की मदद करने, मानवीय सेवा तथा मुसीबत में पड़े लोगों तक सहायता पहुंचाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है, यह सराहनीय है।

उन्होंने कहा कि पुलिस और पब्लिक के बीच बेहतर समन्यव आवश्यक है। आज के डिजिटल युग में साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया क्राइम भी पुलिस के समक्ष बड़ी चुनौती है। इसके लिये पुलिस विभाग में उच्च स्तरीय साइबर सेल के गठन की आवश्यकता है। समाज में अपराधों के नियंत्रण में टेक्नॉलाजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इन्फोरमेशन एण्ड कम्यूनिकेशन टेक्नॉलॉजी पुलिस के लिये वरदान सिद्ध हो सकती है।

राज्यपाल ने कहा कि लॉकडाउन के समय सबसे महत्वपूर्ण पक्ष था पुलिस द्वारा किये गये सामाजिक सेवा कार्य। पुलिस को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित करवाने के साथ ही लोगों को आवश्यक सूचनाएं देने तथा अनिवार्य वस्तुओं की आपूर्ति का कार्य भी करना पड़ा। पुलिस के अधिकारी तथा जवान तत्काल मदद की गुहार लगाने वाले नागरिकों के सीधे सम्पर्क में आ गए। पुलिस की भूमिका जरूरतमंदों की सहायता एवं सेवा पर केंद्रित रही, यह अत्यंत सराहनीय है। जरूरतमंदों को राशन, दवाईयां, मास्क, सेनेटाइजर, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर आदि वितरित करके पुलिस अनेक असहाय लोगों के लिए आशा की किरण बनी। हमारे निष्ठावान पुलिस के जवानों ने अपने कर्तव्यों के पालन के साथ मानवता का धर्म भी निभाया तथा निराश्रितों का सहारा बनी, इसके लिए उत्तराखंड पुलिस परिवार को विशेष बधाई। डीजीपी अशोक कुमार ने अपने संबोधन में उत्तराखंड पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी।

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