रुद्रप्रयाग। ऑल वेदर रोड परियोजना में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे के चौड़ीकरण में कई जगहों पर ऊपरी तरफ चट्टानों के बड़े-बड़े हिस्से छोड़ दिए गए हैं, जो लटके हुए हैं। इन जगहों पर दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। बावजूद इसके एनएच व कार्यदायी संस्था द्वारा इनका सुधारीकरण नहीं किया जा रहा है।
गौरतलब है कि ऑल वेदर रोड परियोजना में हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य अंतिम चरण में है, लेकिन जिस तरह से हाईवे पर कटिंग की गई है, वह कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर से रुद्रप्रयाग के बीच जहां हनुमान मंदिर, चमधार, सिरोहबगड़ और नरकोटा अति संवेदनशील भूस्खलन जोन बने हुए हैं।
नरकोटा व रैंतोली के समीप चौड़ीकरण के दौरान चट्टानों के ऊपरी हिस्सों को छोड़ दिया गया है। वहीं रुद्रप्रयाग- गौरीकुंड हाईवे पर भटवाड़ीसैंण में पहाड़ी हिस्से की कटिंग में भारी अनियमितता बरती गई है। यहां पर कई हिस्सों में कटिंग के दौरान बड़े बोल्डर छोड़े गए हैं। इसके अलावा मेदनपुर और तिलवाड़ा बाजार के समीप भी हाईवे अति संवेदनशील बना हुआ है।
इस बाबत एनएच के सहायक अभियंता अनिल बिष्ट ने बताया कि दोनों राजमार्गों पर जिन-जिन स्थानों पर कटिंग के दौरान चट्टानी हिस्सा छूटा हुआ है, उसे ध्वस्त कर ठीक किया जाएगा। साथ ही भूस्खलन व भूधंसाव जोन के स्थायी ट्रीटमेंट के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
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