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उत्तराखंड : बीते 24 घंटों में 94 जगह जंगलों में लगी आग

देहरादून। पहाड़ों में वनाग्नि ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। जंगलों की आग अब आबादी क्षेत्र तक पहुंच गई है। बीते 24 घंटों में 94 स्थानों में जंगलों में आग लगने की खबर है। बागेश्वर में पांच मकान और दो गोदाम आग की भेंट चढ़ गए। नैनीताल से पिथौरागढ़ तक अलग-अलग जगहों में भी जंगल धधकते रहे।
बागेश्वर में जंगल की आग की चपेट में आने से कपकोट ब्लॉक के नामतीचेटाबगड़ में पांच मकान जल गए। वहीं झिरौली, नैणी के जंगलों में लगी आग मैग्नेसाइट के गोदाम तक पहुंच गई। आग की चपेट में आने से दो गोदाम जलकर राख हो गए। दूसरी ओर अल्मोड़ा में जागेश्वर, लमगड़ा और जौरासी वन क्षेत्र में वनाग्नि की घटनाएं हुईं। फायर सीजन में कई हेक्टेयर वन क्षेत्र जलने के साथ ही लाखों का नुकसान हुआ है।
पिथौरागढ़ जिले के बेड़ीनाग क्षेत्र में शाह गराऊं, पोस्ताला, हजेती, जाख, बरसायत, उडियारी में बीते दो दिन से जंगल जल रहे हैं। बेड़ीनाग के आसपास के क्षेत्र में आग पर काफी हद तक काबू पा लिया है। नाचनी में बाथीं-गुट, कोट्यूड़ा, हुपली के पंचायती वनों में ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाया गया। थल क्षेत्र के वन पंचायत और वन विभाग के चीड़ के जंगलों में लगी आग से चारों ओर धुंध फैली हुई है।

नैनीताल जिले में खैरना-रानीखेत मोटर मार्ग किनारे स्थित चौबटिया रेंज की वन पंचायत बजोल में बुधवार सुबह आग लग गई। दोपहर बाद आग पर काबू पा लिया गया। ऊधमसिंह नगर के जसपुर में अज्ञात कारणों के चलते एक किसान के 12 एकड़ गेहूं के कटे हुए खेत में आग लग गई। इससे वहा रखा भूसे जलकर राख हो गया।
बुधवार को बीते 24 घंटे में 78 स्थानों पर वनाग्नि की खबर है। वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन कार्यालय की बुधवार शाम चार बजे तक जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में वनाग्नि की 28 घटनाएं गढ़वाल और 46 घटनाएं कुमाऊं क्षेत्र में दर्ज की गईं।

गढ़वाल में आरक्षित वन क्षेत्र में 20 और सिविल वन पंचायत क्षेत्र में आठ जगह जंगल में आग लगी। वहीं कुमाऊं में वनाग्नि की 33 घटना आरक्षित वन क्षेत्र में हुईं, जबकि सिविल वन पंचायत क्षेत्र में 13 स्थानों पर आग लगी। संरक्षित वन्यजीव क्षेत्र में भी आग की चार जगह आग लग गई। प्रदेश में वनाग्नि की कुल 78 घटनाओं में 113 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक 799 वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी हैं। जंगल में आग की इन घटनाओं से कुल 1133 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

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