देहरादून। धामी सरकार ने एक झटके में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं में संविदा, आउटसोर्स एवं अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया। विभाग के उप निदेशक एसके सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मोदी सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण सुरक्षा व बचाव के लिए अंब्रेला मिशन शक्ति की शुरुआत की गई है। केंद्र ने इस संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।आदेश में कहा गया है कि मोदी सरकार की पहले से चलाई जा रही योजनाएं वन स्टॉप सेंटर, राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला, कामकाजी महिला छात्रावास, प्रधानमंत्री वंदना योजना सहित विभिन्न योजनाओं के लिए मानव संसाधन आउटसोर्सिंग, संविदा एवं अन्य माध्यम से कार्यरत है। इस मामले में यह निर्णय लिया गया है कि इन योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों की 30 नवंबर 2022 तक ही स्वीकृति मान्य होगी। इनकी इस तिथि के बाद सेवाएं नहीं ली जाएगी।उधर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से हटाए गए संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि आउटसोर्स कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। एक साजिश के तहत उन्हें हटाया गया है। मोदी सरकार की ओर से इस तरह के कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोई योजना पांच साल के लिए चलाई जाती है। जिसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इससे पहले ही उन्हें हटाया जा रहा है। उधर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव हरि चंद सेमवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मोदी सरकार की ओर से योजनाओं को नया रूप दिया गया है। जिसके तहत नए सिरे से कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।
Home / उत्तराखण्ड / मोदी सरकार का फरमान आया तो धामी सरकार ने एक झटके में छीनी 100 कर्मियों की नौकरी!
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