पलायन आयोग की रिपोर्ट के संकेत
- पलायन आयोग ने प्रवासियों के रुकने से संबंधित रिपोर्ट की तैयार
- कल मंगलवार को मुख्यमंत्री जारी करने जा रहे यह रिपोर्ट
देहरादून। उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक अच्छी खबर सामने आ रही है। कोरोना संक्रमण के कारण करीब साढ़े तीन लाख प्रवासी लौटकर उत्तराखंड आए थे। जिनमें से अधिकतर बाहर जाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने अपनी खेती और स्वरोजगार में दिलचस्पी दिखाई है। प्रवासियों से संबंधित रिपोर्ट पलायन आयोग की ओर से तैयार कर ली गई है। कल मंगलवार को यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी जाएगी और वह इसे सार्वजनिक करेंगे।
गौरतलब है कि पलायन आयोग ने ही पहले प्रवासियों से संपर्क साधकर यह जानने की कोशिश की थी कि उनके लौटने से प्रदेश को कितना फायदा हो सकता है। पहली रिपोर्ट में आयोग को सकारात्मक संकेत मिले थे, लेकिन अनलॉक ने यह तस्वीर बदल दी। आयोग ने अब अनलॉक के दौर में एक बार फिर प्रवासियों से संपर्क साधकर यह जानने की कोशिश की है कि प्रदेश में रुके रहने, खेती बाड़ी को अपनाने को प्रवासी कितने इच्छुक हैं। आयोग के मुताबिक इसमें भी सकारात्मक संकेत ही मिले हैं।
कई प्रवासियों ने खेती बाड़ी का काम भी शुरू कर दिया है। हालांकि लौटकर आने वालों में अधिकतर स्वरोजगार की दिशा में आतिथ्य सेेक्टर में काम करने वाले हैं। इतना होने पर भी यह साफ है कि प्रवासियों ने खेती बाड़ी को तवज्जो दी है। मनरेगा ने भी उन्हें बांधे रखा है। पलायन आयोग ने इस बार रिपोर्ट तहसील स्तर तक तैयार की है। ऐसे में प्रदेश सरकार को भी ग्राम स्वरोजगार से लेकर अन्य योजनाओं को लागू करने में आसानी होगी। सरकार इस समय प्रवासियों के लिए कई तरह की योजनाएं बना रही है।
पलायन आयोग के अध्यक्ष एसएस नेगी ने बताया कि रिवर्स पलायन या प्रवासियों के प्रदेश में ही रुके रहने की दूसरी रिपोर्ट को आयोग की ओर से अंतिम रूप दिया जा चुका है। मंगलवार को यह रिपोर्ट सीएम को सौंप दी जाएगी। इस रिपोर्ट में भी पलायन आयोग को सकारात्मक संकेत मिले हैं।