कोटद्वार। पुलिस विभाग में यूं तो आए दिन पुलिसकर्मियों के उत्पीड़न के मामले सुर्खियों में रहते हैं। वहीं उत्तराखंड पुलिस के जवान को अपने ही सिस्टम पर भरोसा नहीं है। जवान ने न्याय के लिए तहसील प्रशासन के माध्यम से इस संबंध में राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किए हैं। जवान ने साफ कहा कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वो राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग करेगा। जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है।
बता दे कि सज्जन सिंह उत्तराखंड पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। सज्जन सिंह ने बताया कि पूर्व में वह कोटद्वार कोतवाली में तैनात थे। तब एक महिला ने उन पर अपनी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। जब इस मामले की जांच की गई तो निर्दोष साबित हुए। इस दौरान महिला ने एक और आरोप लगाया था कि सज्जन सिंह उनकी दुकान पर आया था, उस महिला के साथ उसने अभद्रता की थी। साथ ही उसके कपड़े भी फाड़े थे। पुलिस आरक्षी सज्जन सिंह पुत्र उदयराल सिंह ने ज्ञापन में कहा है कि उसकी पत्नी का देहांत वर्ष 2013 में हो गया था। पत्नी की मौत के बाद नौकरी करने के साथ ही अपने बेटे और बेटी की परवरिश खुद ही की। बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए उन्होंने दूसरी शादी भी नहीं की।
सज्जन सिंह ने ज्ञापन में बताया कि परिचित एक महिला उनके बच्चों की देखभाल कर रही थी। महिला ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई थी। महिला ने साजिश रचते हुए उसके खिलाफ पोक्सो समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें पीड़िता उसकी खुद की बेटी को ही बना दिया। मामला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) में जाने पर उन्हें क्लीन चिट मिल गई लेकिन आरोपी महिला ने दोबारा मुकदमा दर्ज करा दिया। सज्जन सिंह ने मामले में कोतवाली पुलिस के कुछ कर्मियों पर साजिश में शामिल होने के आरोप भी लगाए हैं। कहा कि उक्त साजिश के कारण उसका और उसके बच्चों का काफी उत्पीड़न हो रहा है। ऐसे हालात में उसका जीवित रहना असंभव है।
वहीं साथ ही सज्जन सिंह ने राष्ट्रपति और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को जो ज्ञापन भेजा है, उसमें उन्होंने लिखा है कि कौड़ियां चेक पोस्ट पुलिस अवैध वसूली करती है। जिसका हिसाब किताब मई 2022 में पुलिस क्लर्क चेतन रखता था। उससे भी गलत तरीके से तेल की पर्ची मांगने के लिए उसकी बहस हो गई थी। जिसकी जानकारी कोटद्वार कोतवाली प्रभारी विजय सिंह को भी दी गई। आरोप है कि शिकायत करने पर गोपनीयता रिपोर्ट प्रस्तुत कर उसका ट्रांसफर तत्काल पौड़ी कर दिया गया था। वहीं इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर चंद सुयाल ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।