रुड़की। एक ओर सरकार ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ के नारे को साकार करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है तो दूसरी ओर रुड़की में राजकीय कन्या विद्यालय की प्रधानाचार्या ने हाईस्कूल पास 4 नाबालिग छात्राओं का भविष्य अंधकार में डुबाने का कारनाम कर दिखाया है। इससे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल मामला रुड़की के मंगलौर में राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। यहां से मंगलौर की छात्राओं ने कक्षा 10 की परीक्षा पास की है। आगे की पढ़ाई के लिये 4 नाबालिग छात्राओं की टीसी पर प्रिंसिपल ने लाल पेन से छात्रा के आचरण को ‘निराशाजनक‘ दर्शाया है। प्रधानाचार्या ने टीसी पर आचरण के संदर्भ में टीसी में रेड मार्क करते हुए लिखा है… ‘14 साल की यह छात्रा विद्यालय में राजनीति करने, विभागीय आदेश की अवहेलना करने, प्रधानाचार्य का अपमान करने में संलिप्त रही है। प्रिंसिपल ने इन चारों छात्राओं का व्यवहार असंतोषजनक बताया है। जिससे इन छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं मिल पा रहा है।
ऐसी स्थिति में छात्राओं का भविष्य अधर में लटक गया है और छात्राओं की टीसी में लाल पेन से मार्क ‘आचरण‘ देखकर परिजनों के भी होश उड़े हुए हैं। प्रिंसिपल के ऐसे व्यवहार को लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म है कि आखिरकार एक महिला शिक्षक बेटियों के भविष्य को बर्बाद कैसे कर सकती है?
जब यह मामला विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा तो उनके भी सिर चकराने लगे। आनन-फानन में विद्यालय की प्रधानाचार्या को स्पष्टीकरण का नोटिस जारी कर दिया। इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि अगर छात्राओं से किसी तरह की कोई गलती हुई थी, तो उनके अभिभावकों को सूचित करना चाहिए था। इस तरह से टीसी पर रेड पेन से लिखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मामले की जांच की जा रही है।