देहरादून। उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न नगर निकाय चुनावों को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने चुनाव प्रक्रिया में अव्यवस्था और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए अशोभनीय करार दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप करने और निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।
अनूप नौटियाल ने राष्ट्रपति को भेजे चार पन्नों के विस्तृत पत्र और 15 मीडिया रिपोर्ट्स के दस्तावेजों के जरिए निकाय चुनावों में हुई तमाम गड़बड़ियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने मांग की है कि इन अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच हो, दोषी अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए और भविष्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जाएं। इसके अलावा, उन्होंने राज्य चुनाव आयुक्त और सचिव की बर्खास्तगी की भी मांग की है।
नौटियाल ने अपने पत्र में 10 प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देहरादून समेत पूरे राज्य में मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ियां थीं।
• अनेक मतदाताओं के नाम गायब थे, जिनमें वे परिवार भी शामिल थे जो कई पीढ़ियों से एक ही स्थान पर निवास कर रहे हैं।
• कई मतदाताओं के नाम गलत दर्ज किए गए या दूसरी जगह शिफ्ट कर दिए गए, जिससे मतदान केंद्रों पर भ्रम की स्थिति बनी।
• नाबालिगों के नाम मतदाता सूची में शामिल होने की घटनाएं सामने आईं, जिससे संभावित मतदाता धोखाधड़ी की आशंका बढ़ गई।
• कुछ मतदाता जब अपने केंद्रों पर पहुंचे, तो पाया कि उनका वोट पहले ही डाला जा चुका था।
• मतदान प्रक्रिया धीमी रही, जिससे कई लोगों को असुविधा हुई।
नौटियाल ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि चुनाव आयोग ने इन गड़बड़ियों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट भी अपडेट नहीं थी, जो उसकी लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने आगाह किया कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी निष्पक्ष नहीं हो पाएंगे।
नौटियाल ने राष्ट्रपति से एक स्वतंत्र जांच समिति के गठन की मांग की है, जिसमें केवल सरकारी अधिकारी ही नहीं, बल्कि शिक्षाविद्, राजनीतिक कार्यकर्ता, न्यायपालिका के सदस्य, मीडिया, गैर-सरकारी संगठन और नागरिक समाज के लोग भी शामिल हों। उनका कहना है कि यह जांच एक महीने की समय-सीमा में पूरी होनी चाहिए।
गौरतलब है कि 23 जनवरी को मतदान के दौरान जब मतदाता सूचियों में गड़बड़ियां सामने आईं, तो अनूप नौटियाल ने तत्काल तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने एक वीडियो जारी कर हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने और चुनाव परिणामों पर रोक लगाने तक की मांग की थी।
नौटियाल का मानना है कि इन चुनावी अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रपति से अपील की है कि वे इस मामले में तुरंत दखल दें और उत्तराखंड सरकार को निष्पक्ष जांच समिति गठित करने का निर्देश दें।
यदि इन गड़बड़ियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकता है।