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क्रिकेट : अब गेंद पर थूक नहीं लगा सकेंगे गेंदबाज और…

मेलबॉर्न। मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने आज बुधवार को इंटरनेशनल क्रिकेट के नियमों में संशोधन का ऐलान किया है, लेकिन इनको इस साल 1 अक्टूबर के बाद ही लागू किया जाएगा। यानी ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप से पहले क्रिकेट के नियम बदल जाएंगे।
क्रिकेट लॉ 41.3 – अब सलाइवा पर बैन : एमसीसी ने अब क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए थूक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। पहले इसे केवल कोविड-19 की वजह से लागू किया गया था, लेकिन अब एमसीसी इसे कानून बना रही है। खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए पसीने का इस्तेमाल कर रहे थे और यह भी उतना ही प्रभावी था। नया कानून बॉल पर सलाइवा लगाने की अनुमति नहीं देगा, क्योंकि गेंद पर अपनी लार लगाने के लिए खिलाड़ी शुगर वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में गेंद पर लार का उपयोग उसी तरह माना जाएगा जैसे गेंद की स्थिति को बदलने के किसी अन्य अनुचित तरीके से किया जाता है।
लॉ 18 – खिलाड़ी के आउट होने के बाद नया प्लेयर लेगा स्ट्राइक  : एमसीसी के नए नियम के मुताबिक किसी भी प्लेयर के आउट हो जाने के बाद मैदान पर आने वाला नया खिलाड़ी ही स्ट्राइक लेगा, भले ही पिछले विकेट से पहले खिलाड़ियों ने स्ट्राइक ही क्यों न बदल ली हो। अभी तक था कि कैच आउट होने से पहले अगर शॉट खेलने वाला खिलाड़ी बॉलिंग एंड पर पहुंच जाता था तो नया बल्लेबाज नॉन स्ट्राइकर एंड पर ही रहता था। अब किसी भी तरह से आउट होने पर नया खिलाड़ी ही स्ट्राइक लेगा। एमसीसी के सुझाव पर इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा पहली बार द हंड्रेड लीग में इसका ट्रायल भी किया गया था।
लॉ 38- मांकडिंग पर होगा रन आउट : आईसीसी ने मांकडिंग को लेकर भी बड़ा बदलाव किया है। पहले यह क्रिकेट लॉ 41 के अनुसार खेल भावना के खिलाफ माना जाता था, लेकिन अब इसे लॉ 38, यानी रन आउट के तहत रखा जाएगा।
कैसे पड़ा मांकडिंग नाम? : मांकडिंग नियम क्रिकेट में लागू तो होता है, लेकिन इसे खेल भावना के विपरीत आचरण माना जाता है। जब गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले नॉन स्ट्राइकिंग एंड का बल्लेबाज क्रीज से बाहर निकल जाता है और बॉलर अपना हाथ रोककर उस छोर की गिल्लियां गिरा देता है तो इसे मांकडिंग कहा जाता है। आईपीएल में इस तरह से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज जोस बटलर ही थे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान भारत के वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के विल ब्राउन को इसी तरह से आउट किया था। इसके बाद से वीनू के सरनेम के आधार पर यह तरीका ‘मांकडिंग’ कहलाया।
क्रिकेट में यह नियम लागू तो होता है, लेकिन राय बंटी हुई है। कुछ जानकार और पूर्व खिलाड़ी इसके पक्ष में हैं तो कुछ का कहना है कि बल्लेबाज को आउट करने का यह तरीका खेल भावना के विपरीत है।
डेड बॉल लॉ 20.4.2.12 भी बदला : डेड बॉल के नियम में भी बदलाव किया गया है। मैच के मैदान में किसी व्यक्ति, जानवर या अन्य वस्तु से किसी भी पक्ष को नुकसान होता है, तो यह डेड बॉल करार दी जाएगी। मैदान पर अचानक से घुस जाने वाले फैंस या अचानक से मैदान पर कुत्ते के आ जाने से खेल पर कोई असर पड़ता है तो अंपायर कॉल करेंगे और डेड बॉल का संकेत देंगे।
लॉ 27.4 और 28.6 में बदलाव : फील्डिंग टीम का कोई सदस्य गलत तरीके से मूवमेंट करता दिखाई देता है, तो बैटिंग साइड टीम को पेनल्टी के तौर पर 5 रन दिए जाएंगे। पहले इस मामले में डेड बॉल करार दी जाती थी। ऐसे में यदि बैटर अच्छा शॉट मारता था, तो वह रन नहीं माने जाते थे।अब ऐसा नहीं होगा।

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