बोले त्रिवेंद्र, सचिवालय और सीएम आफिस को भ्रष्ट तत्वों व माफिया से किया मुक्त
team HNI
August 7, 2020
उत्तराखण्ड, चर्चा में, देहरादून, राज्य
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मुख्यमंत्री की खरी-खरी
- कहा, वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद से ही हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाई जीरो टॉलरेंस की नीति
- चावल घोटाला वर्ष 2016-17 की सरकार के समय का मामला, भाजपा सरकार बनने के बाद कराई जांच
- केवल कागजों में दिखाई जा रही थी राशन की आपूर्ति, जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता था राशन
- हमारी सरकार आज प्रदेशभर में गरीबों को उपलब्ध करा रही उच्च गुणवत्ता का राशन
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रायपुर में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग उत्तराखंड के नये भवन के लोकार्पण के अवसर पर आज शुक्रवार को मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद से ही हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है। सचिवालय और मुख्यमंत्री कार्यालय को हमने भ्रष्ट व माफिया तत्वों से मुक्त किया है। कार्यों की पारदर्शिता के लिए कार्यों का ऑडिट होना जरूरी है। आवश्यकता पड़ने पर थर्ड पार्टी ऑडिट होना चाहिए। सरकार के प्रति जनता का विश्वास होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चावल घोटाले का जो मसला है, वह वर्ष 2016-17 की तत्कालीन सरकार के समय का मामला है। भाजपा सरकार बनने के बाद हमने इस मामले की जांच करवाई। केवल कागजों में राशन की आपूर्ति दिखाई जा रही थी, जरूरतमंदों तक राशन पहुंचता ही नहीं था। आज गरीबों को जो राशन मिल रहा है, वह उच्च गुणवत्ता का राशन है। प्रधानमंत्री जी का आह्वान है कि हमारी नजर गरीबों पर होनी चाहिए। जब तक गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा, तब तक देश का उत्थान नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग से पीएस की भर्ती के लिए प्रक्रिया चल रही है। लोक सेवा आयोग में अधिक वर्कलोड होने के कारण भर्ती प्रक्रिया मे समय अधिक लगता है। लोक सेवा आयोग को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा गया है। कोविड-19 की वजह से भी भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन के उपायों को सुझाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ गठन किया गया है।
2020-08-07