देहरादून। बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज मामले में गढ़वाल कमिश्नर की रिपोर्ट पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस मुद्दे पर पूर्व सीएम हरीश रावत और बेरोजगार संघ अध्यक्ष बॉबी पंवार ने गृह विभाग की चिट्ठी सामने आने के बाद गढ़वाल कमिश्नर की जांच पर सवाल उठाए हैं। साथ ही मामले में छोटे अधिकारियों पर गाज गिराने और बड़े अधिकारी को बचाने का आरोप लगाया है।
वहीं बीती 9 फरवरी को युवा बेरोजगारों के आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज मामले में अब सीनियर आईपीएस विम्मी सचदेवा भी जांच करेंगे। वहीं, जांच में उन्होंने हल्के बल प्रयोग को कानून व्यवस्था के लिहाज से उचित माना है। रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने के आरोप में तीन पुलिसकर्मी हटा दिए गए हैं। गौरतलब है कि विभिन्न भर्तियों में हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग के लिए हजारों बेरोजगार युवाओं ने एक महीने पहले गांधी पार्क पर प्रदर्शन किया था।
इस बीच पुलिस ने बल प्रयोग किया था। इससे गुस्साए युवाओं की भीड़ में मौजूद असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दोबारा लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया था। इसमें कुछ पुलिसकर्मियों और युवाओं को चोटें भी आई थीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार को मजिस्ट्रेटी जांच सौंपी थी। आयुक्त ने घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे।