इस्लामाबाद
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखने वाली संस्था फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक थोड़ी देर में खत्म होने वाली है। इसी बैठक में पाकिस्तान के भविष्य को लेकर फैसला किया जाएगा। पाकिस्तान अभी तक एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है। बैठक से जुड़े सूत्रों की माने तो पाकिस्तान को अगले सत्र यानी अप्रैल 2022 तक के लिए ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा जा सकता है।
पाकिस्तान ने एफएटीएफ के मानदंडों को नहीं किया पूरा
एफएटीएफ का तीन दिवसीय सत्र 19 अक्टूबर को शुरू हुआ था। पाकिस्तान ने अभी तक एफएटीएफ के सभी मानदंडों को पूरा नहीं किया है। ऐसे में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने का फैसला अप्रैल 2022 में आयोजित होने वाले एफएटीएफ के अगले सत्र में लिया जा सकता है।
जून में भी एफएटीएफ ने बढ़ाई थी डेडलाइन
इस साल जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को काले धन पर रोक नहीं लगाने, आतंकवाद के लिए वित्तपोषण बढ़ाने पर ग्रे लिस्ट में रखा था। एफएटीएफ ने पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े हाफिज सईद तथा मसूद अजहर जैसे लोगों के खिलाफ जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने को कहा था। पाकिस्तान ने दिखावा तो किया लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया है।
ग्रे लिस्ट में बने रहने की संभावना अधिक
इस मीटिंग से जुड़े सूत्रों ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी को देखते हुए पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने की संभावना है। पाकिस्तान को एफएटीएफ के बाकी बचे एक बिंदु को लागू करने के लिए कम से कम दो से तीन महीने और लगेंगे। ऐसे में अमेरिका, भारत, फ्रांस और ब्रिटेन कोई भी छूट देने के लिए तैयार नहीं होने वाले हैं। हालांकि, प्रदर्शन के मामले में पाकिस्तान बहुत आशावादी है कि उसे FATF से अच्छी खबर मिलेगी।
ग्रे लिस्ट में बना रहा पाकिस्तान तो क्या होगा असर
अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की इस बैठक में भी ग्रे लिस्ट में बना रहता है तो उसकी आर्थिक स्थिति का और बेड़ा गर्क होना तय है। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। पहले से ही कंगाली के हाल में जी रहे पाकिस्तान की हालात और खराब हो जाएगी। दूसरे देशों से भी पाकिस्तान को आर्थिक मदद मिलना बंद हो सकता है। क्योंकि, कोई भी देश आर्थिक रूप से अस्थिर देश में निवेश करना नहीं चाहता है।
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