- राज्य के लिए ठुकराया सत्ता का लालच, जनता के दिलों में बनाई जगह
देहरादून। उत्तराखंड के निकाय चुनावों में इस बार भावनाओं और संघर्ष की गूंज सुनाई दी। प्रचार के अंतिम दिन देहरादून में कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी और राज्य आंदोलनकारी वीरेंद्र सिंह पोखरियाल के समर्थन में आयोजित सांस्कृतिक सम्मेलन ने सबका ध्यान खींचा। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के लोकगायक और गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी की उपस्थिति रही, जिनके आशीर्वाद और गीतों ने पूरे आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
बालावाला के गुलरघाटी स्थित शिव प्रिया फार्म हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। गढ़रत्न नेगी ने अपने प्रेरणादायक गीतों से माहौल को जीवंत बना दिया। इसके बाद उन्होंने वीरेंद्र पोखरियाल को माला पहनाकर उनका सम्मान किया और आशीर्वाद दिया। नेगी ने कहा, “राज्य आंदोलन में पोखरियाल जी का संघर्ष और त्याग आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।”
इस कार्यक्रम में वीरेंद्र पोखरियाल ने अपने संघर्षों की आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी ने आंदोलन खत्म करने के बदले उन्हें लालबत्ती और मकान का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “मैं अपने लोगों से गद्दारी नहीं कर सकता।” इसके बाद उन्हें यातनाएँ झेलनी पड़ीं और 5 सितंबर 1994 को घर से गिरफ्तार कर लिया गया। यह किस्सा सुनाते हुए पोखरियाल भावुक हो गए, और पंडाल में मौजूद हजारों लोगों की आँखें भी नम हो गईं।
पोखरियाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर देहरादून की हरियाली को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने नगर निगम में हुए 60 करोड़ के घोटाले की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने वादा किया कि जनता का समर्थन मिलने पर देहरादून को फिर से हरियाली और स्वच्छता से भरपूर हरित नगर बनाया जाएगा।
पोखरियाल ने कहा, “उत्तराखंड राज्य का सपना आज भी अधूरा है। हमने सोचा नहीं था कि यहाँ भ्रष्टाचार और अपराध इस हद तक बढ़ जाएगा। अंकिता हत्याकांड जैसी घटनाएँ हमारे संघर्ष को ठेस पहुँचाती हैं।”
इस कार्यक्रम का संचालन महेंद्र नेगी गुरु जी ने किया। आयोजन में पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, पूर्व राज्य मंत्री महावीर सिंह रावत, राज्य आंदोलनकारी धीरेंद्र प्रताप, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रदीप जोशी और ओमप्रकाश सती समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।