सोमवार 27 सितंबर को ठीक उस समय जब पंजाब के नए मंत्री अपने नए विभागों का कार्यभार संभाल रहे थे, नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से अपना इस्तीफ़ा ट्विटर पर शेयर कर राज्य की राजनीति मे हडकंप मचा दिया.
दो दिन बाद उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर के इस्तीफ़ा देने के कारणों को स्पष्ट किया और बताया कि वो नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में की गई “दागी” अधिकारियों और नेताओं की नियुक्तियों से नाराज़ हैं.
पार्टी के कुछ नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने का प्रयास कर रहे हैं पर सवाल ये है कि क्या काग्रेस पार्टी नवजोत सिद्धू को मनाने के लिए इन “दागी” नेता और अधिकारियों को हटाएगी. और सिद्धू को मनाने के लिए पार्टी कहाँ तक जा सकती है?
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सिद्धू का क़द
नवजोत सिद्धू को अभी इस साल जुलाई में ही पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. हालांकि इस फ़ैसले से उस समय के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुश नहीं थे.
कैप्टन सरकार के फ़ैसलों, और अहम फै़सले नहीं कर पाने को लेकर सिद्धू पिछले एक साल से उनपर लगातार वार कर रहे थे. बावजूद इसके जब सिद्धू पार्टी के अध्यक्ष बने तो अमरिंदर से टकराव होना तो लाजमी था ही. पर इससे यह हुआ कि कुछ और नेता भी कैप्टन के ख़िलाफ़ बोलने लगे और उनके बदलाव की माँग करने लगे.